नयी दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा के छठे सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। गत एक दिसंबर को शुरू हुए इस सत्र में सदन की कार्य उत्पादकता 111 प्रतिशत रही और आठ सरकारी विधेयक पारित किए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में 15 बैठकें हुर्इं जो 92 घंटे 25 मिनट तक चलीं।उन्होंने अपने संक्षिप्त उल्लेख में सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, आप सभी के सहयोग से इस सत्र में सभा की कार्य उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही।
इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू उपस्थित थे। अठारहवीं लोकसभा के छठे सत्र में कुल 10 सरकारी विधेयक पेश किए गए और सदन ने आठ सरकारी विधेयकों को मंजूरी दी। इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेने के लिए लाया गया विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025 शामिल है जिसे लेकर विपक्ष ने भारी विरोध दर्ज कराया।
सदन ने भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025 , सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025 और वर्ष 2025-26 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग (संख्याक 4) विधेयक, 2025 को भी पारित किया। देश में अप्रचलित एवं पुराने हो चुके 71 कानूनों को निरस्त और संशोधित करने के प्रस्ताव वाले निरसन और संशोधन विधेयक, 2025 को भी निम्न सदन की स्वीकृति प्राप्त हुई।
इनके अतिरिक्त लोकसभा ने मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 , केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 और पान मसाला पर उपकर लगाने के प्रावधान वाले स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वतंत्र स्व-शासन वाले संस्थान बनाने के उद्देश्य से लाए गए विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक, 2025 को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने को मंजूरी दी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025 पेश किया और इसे विचार-विमर्श के लिए विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा।
सदन में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने और चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा भी हुई। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् पर चर्चा की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण से हुई और यह 11 घंटे 32 मिनट चली। लोकसभा सचिवालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस चर्चा में 65 सदस्यों ने भाग लिया।इससे पहले विपक्ष ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विषय पर संसद में चर्चा कराने की मांग की थी और शीतकालीन सत्र के शुरूआती दो दिन सदन की कार्यवाही इस मुद्दे पर विपक्ष के प्रदर्शन के कारण बाधित भी रही।
अंतत: चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा की सहमति बनी और सदन में कामकाज शुरू हुआ। यह चर्चा 13 घंटे चली और 63 सदस्यों ने इसमें भाग लिया। लोकसभा अध्यक्ष ने एक वक्तव्य में कहा कि इस सत्र में शून्यकाल में लोक महत्व के 408 मुद्दे उठाए गए, वहीं नियम 377 के तहत 372 मुद्दे लिए गए।इस सत्र में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो एयरलाइन्स के परिचालन में व्यवधान के मुद्दे पर सदन में वक्तव्य दिया।
सत्र के दौरान 300 तारांकित प्रश्न लिए गए और 72 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। पूरे सत्र में कुल 3449 अतारांकित प्रश्न लिए गए। गैर-सरकारी कामकाज की बात करें तो इस सत्र में गत पांच दिसंबर को 137 निजी विधेयक पेश किए गए। 12 दिसंबर को कांग्रेस सदस्य शफी परम्बिल द्वारा प्रस्तुत एक गैर-सरकारी संकल्प पर चर्चा हुई और बाद में सदन की स्वीकृति से इसे वापस ले लिया गया।
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