संदलपुर (कानपुर देहात)। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर संदलपुर ब्लॉक क्षेत्र के सधवापुर कसोलर गांव में भव्य देवी जागरण का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनता ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी एवं अधिवक्ता रविंद्र सिंह कुशवाहा ने कार्यक्रम का उद्घाटन फीता काटकर किया और मां भगवती की आरती उतारकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए एडवोकेट कुशवाहा ने कहा कि नवरात्रि न केवल देवी पूजन का पर्व है, बल्कि यह हमें मातृशक्ति के महत्व को समझने का अवसर भी देता है। उन्होंने कहा कि “हमें अपने माता-पिता को भगवान के समान पूजना चाहिए। मां हमारे जीवन की प्रथम गुरु होती हैं। जन्म से लेकर समझदारी तक हम मां के सहारे ही जीवन व्यतीत करते हैं। मां की सेवा और सम्मान करना प्रत्येक संतान का परम कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि मातृशक्ति—मां, बहन, पत्नी और बेटी—हमारे जीवन में देवी तुल्य होती हैं और इनका सम्मान करना हमारी संस्कृति की पहचान है। हमारे शास्त्र भी यही शिक्षा देते हैं कि मातृशक्ति सर्वोपरि है। “जिस प्रकार माता हमें गर्भ में नौ माह तक रखकर जन्म देती हैं, उसी भाव से हम नवरात्रों में नौ देवियों की पूजा करते हैं। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है।
एडवोकेट कुशवाहा ने समाज की माताओं से भी आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को नैतिक और मानवीय मूल्यों से युक्त बनाएं। उन्होंने कहा, “बेटा और बेटी दोनों को संस्कार देना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। हमें उन्हें क्षमा, करुणा, मैत्री, सौहार्द और सामंजस्य जैसे गुणों की शिक्षा देनी चाहिए ताकि वे समाज में मानवता के वाहक बन सकें।
उन्होंने कहा कि कलयुग में नैतिक मूल्यों का पतन होता जा रहा है। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चों को संबंधों का महत्व और जीवन में सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देनी चाहिए। “सच्ची पूजा वही है, जब हम अपने माता-पिता की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। इससे न केवल देवता प्रसन्न होते हैं, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और संतोष भी मिलता है।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने समाजसेवी एडवोकेट रविंद्र सिंह कुशवाहा को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। देवी जागरण में सुरेंद्र, रिंकू शुक्ला, इन्द्रेश, रामऔतार कुशवाहा, योगेन्द्र, राजू, सोनू कमल, राधेश्याम पाल, रजनीश सविता, नीतेश सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। माता रानी की भक्ति और जयकारों से गांव का वातावरण भक्तिमय हो गया।