आगामी 21-23 सितंबर तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगामी अमेरिका दौरे को लेकर खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बड़ी साजिश रची है। दरअसल, ख़ुफ़िया एजेंसियों ने पन्नू की साजिश का खुलासा करते हुए बताया है कि मोदी की यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार, गुरपतवंत सिंह पन्नू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि पन्नू हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और हत्या के अपने कथित प्रयास का हवाला देते हुए समर्थन मांग रहा है। निज्जर की 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी थी। वह प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख था, और उसे 2020 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था।
ख़ुफ़िया एजेंसी के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पन्नू को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) सहित विभिन्न देशों की एजेंसियों से भारी मात्रा में धन दिया जा रहा है। इसी धन के माध्यम से वह अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और पाकिस्तान जैसे दुनिया के कई देशों में अपना समर्थन एकत्र कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि लेकिन ये लोग भूल जाते हैं कि प्रधानमंत्री का स्वागत विशाल प्रवासी समुदाय और विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा किया जाएगा। यहां तक कि सिख भी प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने आ रहे हैं।
आपको बता दें कि अमेरिकी नागरिक पन्नू कई देशों में आतंकवादी कृत्यों के लिए जिम्मेदार है और भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राज्य पुलिस विभागों द्वारा उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।
पन्नू ने अमेरिकी अदालत में एक दीवानी मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भारतीय अधिकारियों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी, जिसे नाकाम कर दिया गया क्योंकि हत्या करने वाले अंडरकवर अमेरिकी एजेंट निकले। मुकदमे में हर्जाने की मांग की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें एक स्वतंत्र सिख राज्य के पक्ष में बोलने के लिए निशाना बनाया गया। अमेरिकी अदालत ने केंद्र के अधिकारियों को तलब किया है, जिस पर नई दिल्ली की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
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पीएम मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। यह पीएम मोदी की अपने तीसरे कार्यकाल की पहली यात्रा है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार द्विपक्षीय मुद्दों, क्वाड, ग्लोबल साउथ की चिंताओं के साथ-साथ यूरोप में युद्ध पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने हाल ही में रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा किया था।