खड़गे पर हुए पलटवार से भड़की प्रियंका गांधी, पीएम मोदी पर लगा दिए गंभीर आरोप  

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र का जवाब देने के लिए हमला किया, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी ।

प्रियंका गांधी ने एक्स में माध्यम से बोला हमला

प्रियंका गांधी ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर लिखा कि कुछेक भाजपा नेताओं और मंत्रियों की अनर्गल और हिंसक बयानबाज़ी के मद्देनज़र लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जीवन की सुरक्षा के लिए चिंतित होकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता  मल्लिकार्जुन खरगे जी ने प्रधानमंत्री जी को एक पत्र लिखा।

उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री जी की आस्था अगर लोकतांत्रिक मूल्यों, बराबरी के संवाद और बुज़ुर्गों के सम्मान में होती तो इस पत्र का जवाब वह ख़ुद देते। इसकी बजाय उन्होंने नड्डा जी की ओर से एक हीनतर और आक्रामक किस्म का जवाब लिखवा कर भिजवा दिया।

उन्होंने आगे लिखा कि 82 वर्ष के एक वरिष्ठ जननेता का निरादर करने की आख़िर क्या ज़रूरत थी? लोकतंत्र की परंपरा और संस्कृति, प्रश्न पूछने और संवाद करने की होती है। धर्म में भी गरिमा और शिष्टाचार जैसे मूल्यों से ऊपर कोई नहीं होता।

प्रियंका गांधी ने लिखा कि आज की राजनीति में बहुत ज़हर घुल चुका है, प्रधानमंत्री जी को अपने पद की गरिमा रखते हुए, सचमुच एक अलग मिसाल रखनी चाहिए थी। अपने एक वरिष्ठ सहकर्मी राजनेता के पत्र का आदरपूर्वक जवाब दे देते तो जनता की नज़र में उन्हीं की छवि और गरिमा बढ़ती। यह अफ़सोस की बात है कि सरकार के ऊँचे से ऊँचे पदों पर आसीन हमारे नेताओं ने इन महान परंपराओं को नकार दिया है।

एक अन्य पोस्ट में प्रियंका गांधी ने लिखा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी जैसे-जैसे मजबूती से जनता की आवाज उठा रहे हैं, वैसे-वैसे उनके खिलाफ जुबानी और वैचारिक हिंसा बढ़ रही है। क्या देश के करोड़ों दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों की आवाज उठाना इतना बड़ा अपराध है कि भाजपा, नेता प्रतिपक्ष को उनकी दादी जैसा हाल बना देने की धमकियां देने लगी?

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उन्होंने आगे लिखा कि लगातार एक के बाद एक हिंसक, अभद्र और अमानवीय बयानों से यह साबित होता है कि यह एक संगठित-सुनियोजित अभियान है जो देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। उससे भी ज्यादा खतरनाक है प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत समूचे RSS-BJP नेतृत्व का इसे शह देना और कोई कार्रवाई न करना। RSS-BJP के लोग क्या अब हिंसा और नफरत को ही लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं?

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि यह उनके विफल राजनीति को चमकाने और फिर से लॉन्च करने का प्रयास है। नड्डा ने कांग्रेस पर पिछले एक दशक में 110 से अधिक बार पीएम मोदी को अपशब्द कहने का भी आरोप लगाया।

पत्र में खड़गे ने कांग्रेस के नेता के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक, हिंसक और असभ्य बयानों का हवाला देते हुए पीएम मोदी से भाजपा और एनडीए नेताओं पर अनुशासन और शिष्टाचार लागू करने के लिए कहा था।