उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी के जिलाधिकारी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘वजू’ के लिए पानी से भरे प्लास्टिक के टब पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराए जाएं. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह बयान दर्ज किया कि जिलाधिकारी द्वारा मस्जिद परिसर में जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
पीठ ने कहा, ‘‘सॉलिसिटर जनरल कहते हैं कि ‘वजू’ की सुविधा मुहैया कराने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि पानी के टब पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराएं जाएं.’’ इससे पहले न्यायालय ने जिलाधिकारी को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुस्लिम श्रद्धालुओं के लिए ‘वजू’ के अनुकूल व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर बैठक करने को कहा था. शीर्ष अदालत अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रमजान के महीने में वाराणसी के मस्जिद परिसर में वजू की अनुमति देने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने पिछले साल 20 मई के अपने आदेश का हवाला दिया था, जिसमें उसने निर्देश दिया था कि परिसर के अंदर कुछ क्षेत्रों को सील करने के बाद श्रद्धालुओं को ‘वजू’ और शौचालय की सुविधा प्रदान की जाए.
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पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को आश्वासन दिया है कि जिलाधिकारी एक बैठक बुलाएंगे, ताकि एक अनुकूल कार्य व्यवस्था प्रदान की जा सके. पीठ ने मस्जिद प्रबंधन समिति का यह बयान भी दर्ज किया था कि सचल शौचालय मुहैया कराए जाने पर भी वह संतुष्ट हो जाएगी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 11 नवंबर को उस क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ा दी थी, जहां एक ‘शिवलिंग’ पाये जाने का दावा किया गया था. मस्जिद समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने पीठ से मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि रमजान का महीना चल रहा है और पर्याप्त प्रबंध किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा था कि वजू के लिए पानी का इस्तेमाल एक ड्रम से किया जा रहा है और रमजान के मद्देनजर नमाजियों की संख्या बढ़ गई है.