प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ फरवरी को संसद की कार्यवाही में हिस्सा लिया। बजट सत्र के दौरान उन्होंने एक बेहद ही खास जैकेट पहनी जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इस जैकेट की खासियत है कि ये किसी कपड़े से नहीं बनी और ये इको फ्रेंडली है। इस जैकेट का निर्माण उस चीज से हुआ है जिसका उपयोग कर लोग फेंक देते है।
नीले रंग की इस खास जैकेट को प्लास्टिक की बोतलों की रिसाइकिल कर बनाया गया है। इस बोतल को प्रधानमंत्री को बेंगलुरु में छह फरवरी को इंडिया एनर्जी वीक की शुरुआत के मौके पर भेंट किया गया है। इस जैकेट का निर्माण इंडियन ऑयल की ओर से किया गया है। कंपनी ने Unbottled इनिशिएटिव के तहत इस जैकेट का निर्माण किया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की तरफ से हर वर्ष 10 करोड़ बोतलों को रिसाइकिल किए जाने का प्लान है। इन बोतलों से आने वाले समय में सशस्त्र बलों के लिए यूनिफॉर्म का निर्माण भी किया जाना है।
होगी पानी की बचत
जानकारी के मुताबिक एक यूनिफॉर्म को बनाने में इंडियन ऑयल कुल 28 बोतलों को रिसाइकिल करता है। कंपनी के इस प्रयास से हर वर्ष प्लास्टिक की बोतलें रिसाइकिल होंगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। वहीं इस पहल से पानी की भी बचत होगी क्योंकि कपड़े प्लास्टिक से बनाए जाएंगे ना कि कॉटन है। वहीं कॉटन को रंगने के लिए हर वर्ष भारी मात्रा में पानी का उपयोग होता है। वहीं प्लास्टिक की बोतल से बनी जैकेट को बनाने में पानी का उपयोग नहीं हुआ है।
कंपनी ने किया था ऐलान
देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) अर्थवस्वस्था को कार्बन मुक्त करने के लिए हर साल दस करोड़ बेकार मिनरल वाटर, कोल्ड ड्रिंक और अन्य पेट (पीईटी) बोतलों का पुनर्चक्रण (रिसाइकिल) कर उनसे पेट्रोल पंप एवं एलपीजी एजेंसी पर तैनात अपने कर्मचारियों के लिए पर्यावरण-अनुकूल वर्दी बनाएगी। कंपनी ने घरों को अधिक किफायती और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल खाना पकाने का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए घर में खाना पकाने का स्टोव भी पेश किया है। इस स्टोव को सौर ऊर्जा के साथ-साथ सहायक ऊर्जा स्रोतों पर भी चलाया जा सकता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां ‘भारत ऊर्जा सप्ताह’ के उद्घाटन समारोह के दौरान आईओसी की वर्दी ‘अनबॉटल्ड’ कोपेश किया। साथ ही उन्होंने खाना पकाने की ‘इंडोर’ कुकिंग प्रणाली को भी व्यावसायिक रूप से पेश किया। मोदी ने कहा कि इनडोर सौर कुकिंग की शुरुआत से खाना पकाने की हरित और स्वच्छ प्रणाली के लिए नया आयाम खुलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि खाना पकाने का यह चूल्हा निकट भविष्य में तीन करोड़ परिवारों तक पहुंचेगा। इस कार्यक्रम में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘हम ऊर्जा दक्षता पर ध्यान दे रहे हैं। हमारा जोर हाइड्रोजन सहित भविष्य के ईंधन और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर है।