पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एजेंट और पत्रकार नुसरत मिर्जा के कथित कनेक्शन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हर रोज हमले कर रही है। इस बीच आज भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कई सवाल दागे। गौरव भाटिया ने कहा कि हामिद अंसारी ने आयोजकों को 2010 में नुसरत मिर्जा को आमंत्रित करने के लिए कहा था।
बीजेपी का हमला
गौरव भाटिया ने कहा, ‘दो दिन पहले मैंने कुछ तथ्य प्रस्तुत किए थे। वे तथ्य भारत की सुरक्षा से संबंधित थे। हामिद अंसारी उस समय उप राष्ट्रपति थे। हमने हामिद अंसारी और सोनिया गांधी से भी कुछ सवाल पूछे थे। उन्होंने जवाब दिया है लेकिन यह ज्यादा चिंताजनक है। कांग्रेस का संबंध पाकिस्तान से है। राष्ट्र हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हामिद अंसारी ने कहा था कि विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की जानकारी के साथ बुलाया जाता है। हमने कांग्रेस से सवाल पूछे थे और नए सवाल भी पूछेंगे’
कांग्रेस से पूछे सवाल
भाटिया ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति से ऊपर हमारा देश भारत है और भारत के नागरिकों का हित है। भाटिया ने कहा, ‘भाजपा द्वारा पूछे गए कांग्रेस पार्टी और हामिद अंसारी से सवालों के जवाब में हामिद अंसारी जी ने सारा ठीकरा कांग्रेस सरकार पर ये कह कर फोड़ा कि जो उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में बुलाए जाते हैं वो सरकार की सलाह से बुलाए जाते हैं। आतंकवाद से कैसे लड़ना है ये कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट से सीख रही थी। हामिद अंसारी जी कहते हैं कि मैंने आतंकवाद के विषय पर 11 दिसंबर 2010 एक कांफ्रेंस का उद्घाटन किया था।’
हामिद अंसारी चाहते तो मना कर सकते थे- भाटिया
एक तस्वीर दिखाते हुए गौरव भाटिया ने कहा, ‘आतंकवाद के विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की तस्वीर में दिख रहा है कि बीच में हामिद अंसारी जी बैठे हैं, उसी मंच पर पाकिस्तान के बहरूपिया पत्रकार, पाकिस्तान का एजेंट नुसरत मिर्जा भी बैठा है। क्या ये सत्य नहीं है कि इस तरह का कोई भी कार्यक्रम आयोजित होता है तो उसकी क्लेरेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के इनपुट के क्या बाद में दी जाती है? संवैधानिक पदों पर बैठे किसी व्यक्ति का कार्यक्रम होता है उसके प्रोटोकॉल के तहत उनका कार्यालय ये जानकारी लेता है कि उस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होगा। ऐसे में क्या ये मानना सही नहीं होगा कि कांग्रेस चाहती थी कि पाकिस्तान का व्यक्ति भारत में घुसे और भारत की अखंडता को ठेस पहुंचाए? अगर हामिद अंसारी चाहते तो वो कह सकते थे कि उस व्यक्ति को कांफ्रेंस में न बुलाया जाए। उसके साथ वे मंच साझा करने से मना कर सकते थे।’
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सोनिया और राहुल से सवाल
गौरव भाटिया ने कहा, ‘सोनिया और राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि क्या नुसरत मिर्जा पर खुफिया एजेंसी ने इनपुट दिया था। सेमिनार के बाद कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मैंने उनसे दो बार पूछा था कि नुसरत मिर्जा को वीजा क्यों दिया गया और अब तक मुझे कोई जवाब नहीं मिला है। सवाल यह है कि खुफिया एजेंसियों को गांधी परिवार के दबाव के कारण समझौता करना पड़ा था। 26/11 के हमले के बाद कांग्रेस का क्या रवैया था? मेजर संदीप ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और राहुल गांधी सुबह 4 बजे तक पार्टी करते रहे। एक और केंद्रीय मंत्री अपने सूट को लेकर ज्यादा चिंतित थे।’