जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या से पूरी दुनिया में सहम गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तो यह व्यक्तिगत हानि है क्योंकि आबे से उनकी मित्रता वर्षों पुरानी थी। Shinzo Abe के निधन पर भारत में यहां 9 जुलाई को राष्ट्रीय शोक रहा, ऐतिहासिक इमारतों पर तिरंगा झंडा आधा झूका रहा, वहीं ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र में जो कुछ लिखा गया, उसे लेकर लोग आपत्ति जता रहे हैं।

दरअसल, टीएमसी के मुखपत्र में Shinzo Abe की हत्या को भारत में केंद्र सरकार की अग्निपथ सेना भर्ती योजना से जोड़कर देखा गया। पार्टी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ के फ्रंट-पेज पर छपी स्टोरी टीएमसी ने कहा कि आबे की हत्या एक पूर्व जापानी रक्षा कर्मी ने की थी, जिसे पेंशन नहीं मिल रही थी। कुछ ऐसी ही बात कल कांग्रेस के एक नेता कही थी। बता दें, अग्निपथ भर्ती में भी पेंशन का प्रावधान नहीं है।
चीन में जश्न, हमलावर को बताया हीरो
खबर यह भी है कि शिंजो आबे की हत्या से पूरी दुनिया स्तब्ध है, लेकिन चीन में जश्न मनाया जा रहा है। आबे पर हमला करने वाले को चीन में हीरो बताया जा रहा है। हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह इस समाचार से हतप्रभ है। शिंजो आबे जब अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे, तब चीन में इंटरनेट मीडिया पर उनके लिए मौत की कामना की जा रही थी। दुर्भाग्य से अस्पताल में कुछ देर बाद आबी की मौत हो गई। बता दें, आबे दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दखल के कट्टर विरोधी थे।
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