बिहार में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से सियासी सरगर्मी बढती नजर आ रही है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने जनता के बीच पैठ बनाने के लिए जनसभा, रैली जैसे राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बक्सर में एक चुनावी जनसभा में शिरकत किया। हालांकि, उनकी यह जनसभा खाली कुर्सियों की वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, निलंबित कांग्रेस बक्सर जिला प्रमुख मनोज कुमार पांडे ने कुर्सियों के खाली रहने के लिए बढती गर्मी को जिम्मेदार बताया।
पांडे ने कहा- बहुत खुश थे खड़गे
बीते सोमवार को निलंबित किए गए पांडे ने कहा कि लोगों की भीड़ अच्छी थी, लेकिन खराब मौसम के कारण कई लोगों को छाया में रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में बहुत भीड़ थी, हमारे पास एक वीडियो भी है।
निलंबित जिला प्रमुख ने कहा कि खड़गे जी बहुत खुश थे, उन्होंने हमें हवाई अड्डे पर भी रिसीव किया और वे बहुत खुशमिजाज थे। उनका भाषण 50 मिनट तक चला और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक बिंदुओं को कवर किया। लेकिन पीछे की पंक्तियों में पंखे की व्यवस्था नहीं थी और तापमान 42 डिग्री था। लोग स्वाभाविक रूप से आश्रय के लिए किनारे के पेड़ों की ओर चले गए, इसलिए कुछ कुर्सियाँ खाली दिखीं।
मनोज कुमार पांडे ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन को लेकर कोई भ्रम नहीं था और उन्होंने दोहराया कि कम लोगों के आने के पीछे गर्मी मुख्य कारण थी। आप जिस भीड़ की बात कर रहे हैं, वह पीछे थी। तेज धूप और पंखे न होने के कारण वे चले गए। यह मौसम की वजह से हुआ, न कि योजना की वजह से।
कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को खराब समन्वय और ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली से पहले स्थानीय समर्थन जुटाने में विफलता का हवाला देते हुए पांडे के निलंबन की घोषणा की थी। राज्य कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष राजेश राठौड़ ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए पांडे पर निष्क्रियता और जिम्मेदारियों को निभाने में अनियमितता का आरोप लगाया।
बक्सर शहर से लगभग 10 किमी दूर स्थित दलसागर फुटबॉल ग्राउंड के प्रत्यक्षदर्शियों ने एक अलग ही तस्वीर बयां की, जहां खड़गे के भीड़ को संबोधित करने के दौरान 90 फीसदी से ज्यादा कुर्सियां खाली छोड़ी गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी लोगों से कुर्सियां भरने का आग्रह करते देखे गए, लेकिन इस अपील को बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया गया।
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पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि इतनी भीड़ वरिष्ठ नेतृत्व के लिए शर्मनाक थी, खासकर तब जब खड़गे ने इस मौके का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार से अधूरे वादों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर हमला करने के लिए किया। अपने निलंबन के बारे में पूछे जाने पर पांडे ने केवल इतना कहा कि यह पार्टी का फैसला था और पार्टी का फैसला सर्वोच्च है। कांग्रेस इस समय बिहार में एक बड़े मुकाबले के लिए तैयारी कर रही है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।