नारी सम्मान और स्वावलंबन की दिशा में जल जीवन मिशन की ओर से यूपी में एक बड़ी मुहिम का आगाज हो चुका है। जल जांच कर रहीं एफटीके प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं की दहलीज पर अब हर हफ्ते मोबाइल की घंटी बजते ही खुशियां दस्तक देंगी। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से प्रदेश की 4 लाख 80 हजार से अधिक एफटीके प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं के खातों में प्रत्येक जांच पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि पहुंचेगी। विश्व पर्यावरण दिवस पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने 21 हजार एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं को 53 लाख से अधिक की प्रोत्साहन राशि का वितरण कर इस अभियान के अनवरत जारी रहने की प्रक्रिया का शुभांरभ किया। योगी सरकार ने प्रदेश की एफटीके प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक बड़ी सौगात दी है।
ग्रामीण महिलाएं कर रही गांव-गांव जल गुणवत्ता की जांच
प्रदेश में स्वच्छ पेयजल की निरंतरता बनाये रखने के लिए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, की ओर से जल जीवन मिशन ग्रामीण महिलाओं को जल गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण व एफटीके (फील्ड टेस्ट किट) का वितरण कर रहा है। ये महिलाएं गांव-गांव जल स्त्रोतों की जांच कर रहीं हैं। इन महिलाओं के प्रयास से गांव की सेहत में सुधार होने के साथ ही बीमारियों पर भी लगाम लगने लगी है। ग्रामीण महिलाओं का यह प्रयास स्वस्थ उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में बड़ा काम साबित होने जा रहा है।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि एफटीके प्रशिक्षित महिलाएं राष्ट्र के लिए जल के क्षेत्र में बड़ा काम कर रही हैं। जब से ग्रामीण महिलाओं ने जल जांच का जिम्मा उठाया है तब से हर घर जल योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों को पूरा करते हुए गांव में पीने का पानी स्वच्छ और सुरक्षित रहे, यह इन महिलाओं के कारण ही संभव हो पाया है।