महिला ने किया हनुमान चालीसा का पाठ, एम्स के डॉक्टर्स ने बिना बेहोशी के कर डाली ब्रेन सर्जरी

ऐसा कहा जाता है कि बजरंग बली का नाम जपने से सारे कष्ट दूर हो जाते है। तभी तो कहा गया है कि संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।.. कुछ लोग इस पर विश्वास भी करते है तो कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते है। लेकिन ऐसा एक चमत्कार दिल्ली में देखने को मिला है। राजधानी दिल्ली में में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में एक महिला की ब्रेन की सर्जरी की गई। लेकिन चमत्कार यह देखने को मिला कि महिला को पूरी तरह से बिना बेहोश किए ही डॉक्टरों ने ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी कर डाली।  लेकिन डॉक्टर भी तो भगवान का ही रूप है जो हमारी जान बचाते है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमने कोरोना काल में देखा था। जब महिला की ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की जा रही थी तह महिला ऑपरेशन टेबल पर हनुमान चालीसा का पाठ कर रही थी। पूरी सर्जरी के दौरान महिला बजरंग बली को याद करती रही।

महिला को बिना बेहोश किए किया ऑपरेशन

ब्रेन यानि दिमाग की सर्जरी दुनिया में सबसे कठिन मानी जाती है। जब डॉक्टर कोई सर्जरी करते है तो बड़ा ध्यान रखते है क्योंकि उसमें मरीज की जान जाने का डर होता है। इसलिए डॉक्टरों बड़ी ही सावधानी से मरीज का इलाज करते है। लेकिन अब दिल्ली एम्स की न्यूरो एनेस्थीटिक टीम द्वारा मरीज को बेहोश किए बिना ही ब्रेन सर्जरी किए जाने का कमाल किया गया है। जब महिला का ऑपरेशन चल रहा था तब महिला पूरी तरह से होश में थी और ऑपरेशन थिएटर में टेबल पर हनुमान चालीसा का पाठ भी कर रही थी।

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सर्जरी के दौरान जप ही थी बजरंग बली का नाम 

जानकारी के अनुसार, गुरुवार को एम्स में दो वेक क्रैनियोटॉमी की गईं। इनमें से एक 24 साल की युवा स्कूल टीचर थी। जिसके मस्तिष्क के बाईं ओर बड़ा ब्रेन ट्यूमर (ग्लियोमा) था। डॉक्टर जब उसका ट्यूमर की सर्जरी कर रहे थे तब वह हनुमान चालीसा का पाठ करती रही। ऑपरेशन थियेटर में मौजूद किसी सदस्य ने इसका वीडियो बना लिया। सर्जरी के बाद महिला ने अपने बालों में शैम्पू किया और बिना किसी कमी के उस पर की जाने वाली किसी भी सर्जरी से बेखबर होकर ऑपरेशन थियेटरस से मुस्कुराते हुए बाहर निकली।बता दें कि सही एनेस्थीसिया देखभाल और सहायक उपकरणों ने डॉक्टरों के काम को थोड़ा आसान बना दिया है। 2002 से न्यूरो सर्जरी विभाग द्वारा जागृत क्रैनियोटॉमी (पूरी तरह बेहोश किए बिना सर्जरी) की जा रही है। सर्जरी के दौरान मरीज के आराम पर बहुत कुछ निर्भर करता है।