भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या वैसे तो मठ मंदिरों की वजह से पूरे विश्व में विख्यात है. पूर्ववर्ती सरकारों ने जिस अयोध्या को उपेक्षित छोड़ा, आज उसी अयोध्या में विकास की ऐसी गंगा बही है कि अयोध्या की तकदीर ही नहीं, तस्वीर भी बदलती जा रही है. एक तरफ भव्य मंदिर का निर्माण अपने प्रगति पर है, तो दूसरी तरफ हजारों करोड़ों रुपए की परियोजनाएं इन दिनों राम नगरी में परवान चढ़ रही हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है तब से अयोध्या उनकी प्राथमिकताओं में है. शायद यही वजह है कि अयोध्या के विकास के विकास की योजनाओं की देखरेख खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते हैं. धार्मिकता के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी अयोध्या विश्व के मानचित्र पर निरंतर स्थापित हो रही है. शायद यही वजह है कि आप काशी के तर्ज पर अयोध्या में भी वाटर बे का संचालन सरयू नदी से शुरू किया जाएगा.
अयोध्या के सरयू नदी में भी वाटरवे बनाया जाएगा
नगर निकाय चुनाव में प्रबुद्ध वर्ग और संत महंतों को साधने के लिए सीएम अयोध्या पहुंचे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी की तर्ज पर अयोध्या के सरयू नदी में भी वाटरवे बनाया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह वाटर वे पूर्वी बंदरगाहों से भी जोड़ा जाएगा. इससे पर्यटक तो बढ़ेंगे ही साथ ही अयोध्या में एक्सपोर्ट की भी संभावना बढ़ेगी. जिस तरह काशी में बड़े-बड़े जलयान आ रहे हैं, उसी तरह अब अयोध्या में भी वाटर बे बनाने की तैयारी शुरू की गई है .
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अयोध्या के जलमार्ग को प्रारंभ करने की तैयारी
अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से संबोधन के दरमियान कहा कि अयोध्या की राजकुमारी 2000 साल पहले जल मार्ग से होते हुए दक्षिण कोरिया पहुंची थी. जिसे कोरिया के लोग अपनी महारानी मानते हैं. इस जल मार्ग पर कोरिया के लोग काम भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम फिर से अयोध्या के जलमार्ग को प्रारंभ करने की तैयारी कर रहे हैं. काशी में यह कार्य प्रारंभ हो चुका है और बड़े-बड़े जलयान काशी में आ रहे हैं.
बंदरगाह और हल्दिया से एक नया माध्यम प्राप्त होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जी में जितना जल है, उससे कम सरयू जी में नहीं है. क्या मालूम नदी के पानी को चैनेलाइज कर देना है. जिस पर हमारा काम चल रहा है. अयोध्या से टूरिज्म के साथ-साथ एक्सपोर्ट की संभावनाएं आगे बढ़ेगी. अयोध्या के जल मार्ग को एक्सपोर्ट के लिए भी पूर्वी बंदरगाह और हल्दिया से एक नया माध्यम प्राप्त होगा.