अमेरिकी मीडिया ने अब खुलकर भारतीय जनता पार्टी की तारीफें शुरू कर दी हैं और अब तक जिस बीजेपी को दक्षिणपंथी पार्टी कहकर ‘राजनीतिक अछूतों’ की श्रेणी में रखा जात था, उसे अमेरिकी मीडिया, दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण पॉलिटिकल पार्टी कहकर संबोधित कर रही है। अमेरिका के प्रमुख अखबार वालस्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक एक रिपोर्ट में कहा है, कि बीजेपी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण पार्टी है, लेकिन इसे काफी कम समझा गया है।
बीजेपी की अमेरिकी मीडिया में तारीफ
वाल स्ट्रीट जर्नल में वाल्टर रसेल मीड ने बीजेपी के बारे में लिखा है, कि “भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के दृष्टिकोण से, दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण विदेशी राजनीतिक पार्टी है। इसे सबसे कम समझा गया है।” वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा गया है, कि साल 2014 और 2019 में लगातार दो जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी साल 2024 में होने वाले चुनाव में भी लगातार तीसरी जीत की तरफ आगे बढ़ रही है और भारत एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, जिसके अमेरिका और जापान के साथ इंडो-पैसिफिक में प्रमुख शक्ति बन रहा है और ये अमेरिका की रणनीति के लिहाज से अच्छी बात है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि “निकट भविष्य में बीजेपी एक ऐसे देश में अपना दबदबा बनाएगी, जिसकी मदद के बिना चीन की बढ़ती शक्ति को संतुलित करने के अमेरिकी प्रयास नाकाम हो जाएंगे।”
यह भी पढ़ें: विश्व हिंदू परिषद पांच लाख घरों में लगाएगी ‘ओम’ लिखे झंडे
‘बीजेपी को काफी कम समझा गया’
लेखक मीड का मानना है, कि बीजेपी को कम समझा जाता है, क्योंकि यह एक ऐसे भारतीय सांस्कृतिक इतिहास और राजनीति से निकलती है, जो गैर-भारतीयों के लिए अपरिचित रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है, कि बीजेपी का चुनावी प्रभुत्व एक वक्त किनारे में रहे सामाजिक विचारकों और कार्यकर्ताओं के सामाजिक आंदोलन की सफलता को दर्शाता है, जिसमें ‘हिन्दू पथ’ के जरिए आधुनिकीकरण की दिशा में बढ़ने का नजरिया है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि “मुस्लिम ब्रदरहुड की तरह, बीजेपी पश्चिमी उदारवाद के कई विचारों और प्राथमिकताओं को खारिज करती है, यहां तक कि यह आधुनिकता की प्रमुख विशेषताओं को भी अपनाती है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तरह, भाजपा एक अरब से ज्यादा लोगों के साथ एक ग्लोबल सुपरपावर बनने के लिए एक राष्ट्र का नेतृत्व करने की उम्मीद करती है। इजराइल में लिकुड पार्टी (बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी) की तरह, बीजेपी लोकलुभावन बयानबाजी और पारंपरिक मूल्यों के साथ मूल रूप से बाजार समर्थक आर्थिक रुख को कनेक्ट करती है, और यहां तककि, यह उन लोगों के गुस्से को भी आगे बढ़ाती है, जिन्होंने महानगरीय, पश्चिमी-केंद्रित सांस्कृतिक और राजनीतिक अभिजात वर्ग द्वारा बहिष्कृत और तिरस्कृत महसूस किया है।”