पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। यहां मतदान केंद्रों पर मतदानकर्मी और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बनकर हो रही लूट की घटनाएं देख रहे हैं। मतदान केंद्रों पर बैलेट की जगह पुलिस द्वारा गोलीबारी हो रही है। यह चुनावी हिंसा की घटना पूरे देश में बंगाल चुनाव के दौरान हो रही है। आपको बता दे, पश्चिम बंगाल में हिंसा की वारदातों की संख्या साल 2019 के बाद से बढ़ती जा रही है। चुनाव प्रक्रिया के पहले दिन से ही लगभग 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में अराजकता भी बढ़ रही है। वहीं यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से अब तक हुए सभी चुनाव बिना किसी बूथ कैप्चरिंग और हिंसा के शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुए हैं। इसके बावजूद, पश्चिम बंगाल में सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
2021 में हुए पंचायत चुनाव का क्या है नतीजा ?
आपको बता दे, साल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में यूपी के मुकाबले आधा चुनाव हुआ है, लेकिन फिर भी यह बेकाबू है। यूपी में 75 जिलों में तकरीबन 2.02 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था, जबकि पश्चिम बंगाल में 61,636 मतदान केंद्रों पर चुनाव हुआ। यूपी में 12.43 करोड़ से अधिक मतदाता थे। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में 928 जिला परिषद सीटों, 9,730 पंचायत समिति सीटों और 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के लिए चुनाव हुआ। यूपी में हाल ही में हुए निकाय चुनाव में किसी भी सीट पर हिंसा की घटना नहीं हुई।
दिग्विजय सिंह ने पश्चिम बंगाल में हो रही घटना पर जताई चिंता
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा और चुनाव के बाद भी जारी रहने वाली घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हो रहा भयानक है। वह ममता बनर्जी के धैर्य और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा करते हैं, लेकिन जो हो रहा है वह माफ़ी के काबिल नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि आपने सीपीएम शासन के दौरान इसी तरह की कठिन स्थिति का बहुत बहादुरी से पार किया था, लेकिन अब जो घटित हो रहा है वह हमारे लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।