गिनती 144 पहुंचते ही उद्धव ठाकरे को लगा झटका, शिंदे ने हासिल किया बहुमत

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। वोटिंग जारी है, लेकिन जैसे ही सत्ता पक्ष के विधायकों की गिनती 144 पहुंची, साफ हो गया कि शिंदे महाराष्ट्र के मुख्मयंत्री बने रहेंगे। इससे पहले भाजपा की ओर से प्रस्ताव रखा गया, जिस पर विपक्ष ने वोटिंग की मांग की। इस बीच, खबर है कि उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है। अब तक उद्धव के साथ रहे शिवसेना विधायक संतोष बांगर भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। विधानसभा में उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट किया। बहरहाल, रविवार को सत्र के पहले दिन जो कुछ हुआ, उसके बाद यह मुश्किल नहीं लग रहा था। स्पीकर के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 164 वोट मिलने से साफ हो गया था कि सरकार के पास बहुमत के लिए जरूरी विधायकों से 20 वोट अधिक है। कल ही उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि पार्टी के दो विधायक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सदन में नहीं आ सके। विश्वास मत में हम 166 मतों के साथ बहुमत साबित करेंगे।

कई नेता देर से पहुंचे, नहीं ले सके हिस्सा

अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के 2 बड़े नेता वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सके। वे विधानसभा देरी से पहुंचे और तब तक दरवाजे बंद कर दिए गए थे। कुल मिलाकर महाविकास आघाड़ी के 6 विधायक वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सके। इनमें कांग्रेस के 5 और एक एनसीपी के विधायक हैं।

उद्धव गुट के 16 विधायकों पर लटकी तलवार

इस बीच, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने विधानसभा अध्यक्ष को व्हिप के उल्लंघन के आरोप में पार्टी के 16 विधायकों को निलंबित करने की याचिका दी है। 16 विधायकों को निलंबन के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। अध्यक्ष कार्यालय ने इसकी पुष्टि करता है।

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उद्धव गुट को झटका, असमंजस में विधायक

इससे पहले उद्धव ठाकरे धड़े को झटका देते हुए नए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार रात अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटा दिया। उन्होंने एकनाथ शिंदे को फिर से शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर मान्यता दी है। उद्धव खेमे के सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे गुट के भरत गोगावले को मुख्य सचेतक बनाया गया है। अब भरत गोगावले ने शिवसेना विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है और शिंदे सरकार के समर्थन में वोट देने को कहा है। अब जो विधायक इस व्हिप का उल्लंघन करेंगे, उन पर अयोग्यता की तलवार लटक जाएगी। यही कारण है कि फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव समर्थक 16 विधायक असमंसज में हैं।