सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को प्रयागराज में गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उठाए गए कदमों पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने झांसी में अहमद के बेटे असद की पुलिस मुठभेड़ पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है. असद को 13 अप्रैल को यूपी पुलिस की एक विशेष टास्क फोर्स (एसटी) टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था. शीर्ष अदालत का आदेश अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर आया जिसमें राज्य में हत्या और इसी तरह की हत्याओं की न्यायिक जांच की मांग की गई थी.
अतीक-अशरफ समेत 183 मुठभेड़ों की जांच को लेकर दाखिल की गई याचिका
असद के झांसी में मुठभेड़ में मारे जाने के दो दिन बाद अतीक अहमद और अशरफ को मीडियाकर्मियों के रूप में आए तीन लोगों ने बहुत करीब से गोली मार दी गई थी. उन्हें पुलिस सुरक्षा के तहत स्वास्थ्य जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था. शीर्ष अदालत अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 2017 से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच की मांग की है.
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी बोले- ‘कांग्रेस के नेताओं ने मुझे 91 बार गालियां दी, बाबासाहेब आंबेडकर को भी कहे थे अपशब्द’
एडवोकेट विशाल तिवारी ने तत्काल सुनवाई की मांग भी की
एडवोकेट विशाल तिवारी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की थी. तिवारी ने अदालत में कहा कि उनकी याचिका में उत्तर प्रदेश में न्यायेतर हत्याओं की जांच की मांग की गई है. अपनी याचिका में तिवारी ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की थी.