असंसदीय शब्दों की सूची पर खड़ा हुआ बखेड़ा, टीएमसी और शिवसेना का भाजपा पर तंज

संसद सत्र के दौरान अब बहुत से शब्दों का प्रयोग असंसदीय माना जाएगा। इसकी नयी सूची जारी की गयी है। इस सूची के जारी होते ही टीएमसी और शिवसेना जैसे दलों ने भाजपा पर हमला बोल दिया है। प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए विपक्ष ने कहा कि भाजपा सबका मुंह बंद करा देना चाहती है। वह विपक्ष को खत्म करने पर आमादा है और इसके लिए हर पैंतरा अपनाया जा रहा है।

असंसदीय शब्दों में कुछ नए शब्द शामिल किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सबसे पहले करारा तंज किया। मोइत्रा और चतुर्वेदी ने आज ट्वीट कर इस सूची को लेकर केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधे निशाना साधा। मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि लोकसभा और राज्यसभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह नयी सूची जारी करायी है। भाजपा लोकतंत्र का गला घोंटकर सबकी जुबान पर ताला डालना चाहती है। कैसे भाजपा भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने पुराने मीम से साधा निशाना

कभी कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं और अब शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने पुराने मीम का जिक्र कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया यह पुराना मीम याद आ गया। अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह मीम अब हकीकत सा लगता है! जुमलाजीवी, जयचंद, भ्रष्ट को अब नहीं बोल सकते संसद के अंदर अब जुमलाजीवी, जयचंद, भ्रष्ट, बाल बुद्धि, शर्म जैसे शब्द अब संसद में नहीं बोले जा सकेंगे। मानसून सत्र से पहले लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों को लेकर नई बुकलेट जारी कर बहुत से नए शब्दों को इसमें जोड़ दिया है। मसलन जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर और स्नूपगेट, यहां तक आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले शर्म, दुव्र्यवहार, विश्वासघात, भ्रष्ट, ड्रामा, पाखंड और अक्षम जैसे शब्द अब लोकसभा और राज्यसभा में असंसदीय माने जाएंगे। इनके शब्दों के अलावा शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पि_ू जैसे आदि शब्दों का भी दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

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अगर कोई सांसद इनको बोलेगा तो उसको अमर्यादित आचरण की श्रेणी में रखा जाएगा। ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा भी नहीं होंगे। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द, 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था। इसके अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, खालिस्तानी, विनाश पुरुष, तानाशाही, तानाशाह, अराजकतावादी, गद्दार, अपमान, गिरगिट, गूंस, घडिय़ाली आंसू, असत्य, अहंकार, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागीरी, बेचारा, संवेदनहीन, सेक्सुअल हेरासमेंट जैसे शब्द भी शामिल किए गए हैं।