डमी आईईडी की खोज में फेल दिल्ली पुलिस, 30 में से 12 आईईडी ही खोज पायी

इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की खोज में दिल्ली पुलिस फेल हो गयी है। दिल्ली में सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए की गयी ड्रिल में दिल्ली पुलिस अपने नाम के मुताबिक परिणाम नहीं हासिल कर पायी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले एक महीने में हाई फुटफॉल (ज्यादा जोखिम) वाले स्थानों में से 30 का चयन किया था। यहां 30 डमी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाईं गईं। इसमें से सार्वजनिक, निजी सुरक्षा गार्ड और स्थानीय पुलिस केवल 12 का ही पता लगा पाई। इससे दिल्ली पुलिस की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में कई आतंकी संगठनों ने भारत में हमलों की धमकी दी थी।

भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा ने भी ऐसी ही चेतावनी देकर विस्फोट करने की बात कही थी।

हाल ही में बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा के विवादित बयान के बाद धमकियां मिलने का सिलसिला और अधिक बढ़ गया है। प्रतिबंधित आतंकी संगठनों ने इसको लेकर दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और गुजरात में आत्मघाती बम विस्फोट करने की धमकी दी है। हाल ही में एक अपराध समीक्षा बैठक के दौरान विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) हरगोबिंदर सिंह धालीवाल ने पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के सामने इस तरह के नकली घुसपैठ अभ्यास करने को लेकर प्रजेंटेशन दिया थी। हाल की घटनाओं के मद्देनजर दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता भी बरत रही है। पुलिस फेल हुई पर जनता ने ढूंढी दो आईईडी

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार 15 डमी आईईडी को 12 जून को दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर लगाया गया था। इसमें से 10 का ही पता चला। दक्षिणपूर्व और उत्तरी जिलों में 10 में से दो का पता जनता ने, तीन का दक्षिण, रोहिणी और बाहरी जिलों के मॉल के सुरक्षा गार्डों ने और पांच का उत्तर, पूर्वोत्तर,

पूर्व, उत्तर-पश्चिम और बाहरी उत्तर जिलों की स्थानीय पुलिस ने लगाया। 28 जून को फिर से सभी जिलों में 15 डमी आईईडी का एक और बैच लगाया गया। लेकिन इस बार आश्चर्यजनत रूप से 13 को नहीं खोजा जा सका। जबकि दिल्ली पुलिस की जांच की जो क्षमता है उसके तहत इसका पता लगना चाहिए था। स्पेशल सेल द्वारा खुले तौर पर आईईडी लगाए गए थे। एक फूलदान में, एक मॉल में कूड़ेदान के पास और एक पालिका बाजार के गेट के बाहर। यानी सभी जगह ऐसी थीं जो संवेदनशील थीं। फिर भी यहां आईईडी का ना खोजा जाना चिंता का विषय बन गया है।

समर्थन देने के बाद भी उद्धव ठाकरे का नाम मुर्मू की लिस्ट से बाहर, नहीं आया आमंत्रण

डीसीपी (स्पेशल सेल) इंगित प्रताप सिंह द्वारा पिछले महीने जारी एक पत्र में कहा गया है, पैगंबर मुहम्मद को लेकर दिए विवादित बयान, हालिया हिंसक प्रदर्शनों और अल-कायदा के भारत में आत्मघाती हमलों की धमकी को ध्यान में रखते हुए, पुलिस कर्मचारियों को किसी भी आतंकवादी हमले/योजना को विफल करने के लिए खुफिया जानकारी विकसित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।