प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में भाग लिया और कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर बात की। पीएम ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि- “कुछ लोगों ने सोचा भारत को वैक्सीन बनाने की आवश्यकता क्यों है?” पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में शामिल लोगों से कहा कि- “वे कल्पना करें और खुद को उस जगह पर रखकर देखें कि कितना दबाव रहा होगा। कोई कह रहा है कि विदेश में वैक्सीन बन रही है, वही ले लो। लेकिन मोदी डटा रहा। मैंने बहुत बड़े पॉलिटिकल कैपिटल का रिस्क लिया था लेकिन सिर्फ और सिर्फ देश के लिए।”
पीएम मोदी ने कहा कि “कुछ लोग तो मेड-इन-इंडिया वैक्सीन पर भी सवाल उठा रहे थे लेकिन दुनिया ने भारतीय वैक्सीन का लोहा माना। दुनिया के कई देशों तक हमारी वैक्सीन पहुंची, यह आत्मनिर्भर भारत की सफलता थी।”
पीएम मोदी ने कहा- अब जमीन पर दिखता है परिवर्तन
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पता नहीं किस लालच ने कुछ लोगों को विदेशी टीकों की प्रशंसा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मेड-इन-इंडिया टीकों पर सवाल उठाए। लेकिन क्या हुआ? पूरी दुनिया ने भारत में बने टीकों को स्वीकार किया और सराहना की। भारत में करोड़ों लोगों को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर टीके लगाए गए। भारत की इतनी बड़ी आबादी ने पहली बार स्वदेशी की ताकत को महसूस किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आर्थिक बदलाव की बात करना चाहूंगा। 2 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में देश को 60 साल लग गए लेकिन हमने सिर्फ 9 वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था को 3.5 ट्रिलियन तक पहुंचा दिया। पीएम मोदी ने कहा कि परिवर्तन अब जमीन पर दिखाई दे रहा है।
यह भी पढ़ें: ‘पुरुष-पुरुष विवाह में पत्नी कौन होगी’, समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार का सवाल
पीएम मोदी ने स्टार्टअप्स की बात की
प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन के दौरान देश में स्टार्टअप्स के माहौल पर बात की। उन्होंने कहा कि पहले युवा सिर्फ सरकारी नौकरी के बारे सोचते थे, नवाचार, स्टार्टअप्स, उद्योग के बारे में कोई माहौल नहीं था लेकिन आज का भारत बदल रहा है। छोटे-छोटे शहरों और गांवों में स्टार्टअप्स शुरू हो रहे हैं। लोग इन्हें देखकर प्रेरित हो रहे हैं। सरकार मुद्रा लोन और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के जरिए युवाओं की भरपूर मदद कर रही है।