प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर-दिल्ली कैंट के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान को आज अजमेर से दिल्ली के लिए पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन राजस्थान में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस भारत में बनी पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन है। यह सबसे कॉम्पैक्ट और कुशल ट्रेनों में से एक है। यह एक सुरक्षा प्रणाली से लैस है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देख कर ही तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, राजनीतिक स्वार्थ ने ही ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणा करवाई जो कभी चली ही नहीं।
मोदी ने कहा कि हालत यह थी कि गरीब की जमीन छीन कर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। रेलवे की सुरक्षा… स्वच्छता सबकुछ को नजरअंदाज कर दिया गया था। इन सारी व्यवस्थाओं में बदलाव वर्ष 2014 के बाद आना शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि शूरवीरों की धरती राजस्थान को आज हमारी सरकार नई संभावनाओं और अवसरों की धरती बना रही है। राजस्थान देश के Top Tourist Destination में से एक है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कनेक्टिविटी को लेकर बीते वर्षों में जो काम सरकार ने किया है, वो अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1,400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। हमारी सरकार रोड के साथ ही राजस्थान में रेल कनक्टिविटी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
प्रदानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले की तुलना में राजस्थान के रेल बजट में 14 गुना की बढ़ोतरी की गई है। रेलवे में गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के जो काम बीते वर्षों में हुए हैं उनका लाभ राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों को भी हुआ है। रेलवे लाइनों के साथ साथ रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकार अलग अलग तरह की सर्किट ट्रेनों का भी संचालन कर रही है। भारत गौरव सर्किट ट्रेन अब तक 70 से ज्यादा ट्रिप लगा चुकी है।
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इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज भी कसा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गहलोत जी का आभार व्यक्त करता हूं। इन दिनों राजनीतिक आपाधापी में वे अनेक संकटों से गुजर रहे हैं, उसके बावजूद भी विकास का कार्य के लिए वे समय निकाल कर आए…जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था पर नहीं हो पाया, आपकामुझ पर इतना भरोसा है कि आज वे काम भी आपने मेरे सामने रखें हैं।