पवार के ऐलान ने बदला सियासी समीकरण, बिखरता नजर आ रहा महाविकास आघाड़ी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र की तकरीबन दो साल पुराने सत्तारूढ़ गठबंधन “महाविकास आघाड़ी” के घटक दलों में दूरियां बढ़ती दिख रही हैं। शरद पवार की आगामी चुनावी रणनीति को देखते हुए कांग्रेस ने भी नए साथी की तलाश करना शुरू कर दिया है।

पवार ने शिवसेना को लेकर किया था बड़ा ऐलान

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि वह बहुत जल्द ही वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर से बात करेंगे। पटोले ने कहा कि वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ मिलकर कांग्रेस आगामी सभी चुनाव लड़ने पर गंभीरता से विचार करेगी।

दस जून को राकांपा के 22वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा था कि आगामी सभी चुनाव राकांपा शिवसेना के साथ मिलकर लड़ेगी। पवार ने शिवसेना की तारीफ करते हुए कहा था कि उस पर विश्‍वास किया जा सकता है। पवार ने उस समय कहीं भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया था। इसके बाद 11 जून को पीके राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मिले थे।

हालांकि इस मुलाकात का ब्योरा दोनों तरफ से मीडिया को साझा नहीं किया गया लेकिन विश्वस्त सूत्रों ने कहा कि यह मुलाकात लोकसभा एवं राज्य विधानसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर ही थी। राकांपा की वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए कांग्रेस ने भी अभी से हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस अपने बल आगामी सभी चुनाव लड़ेगी। पटोले ने कहा कि प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ कांग्रेस आगामी चुनाव के लिए गठबंधन का विचार कर रही है। इसलिए वह बहुत जल्द प्रकाश आंबेडकर से बात करेंगे।

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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर महाविकास आघाड़ी बनाया और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को कांग्रेस आसानी से पचा नहीं पा रही है। इसी बीच राकांपा ने आगामी चुनावों में सिर्फ शिवसेना को ही साथ लेकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इसको देखते हुए कांग्रेस ने भी प्रदेश में अपना अलग साथी तलाशना शुरू कर दिया है। हालांकि वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर से इस बाबत अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।