विपक्ष को रास न आया मोदी सरकार का एक और विधेयक, कांग्रेस नेता ने बोला हमला

कृषि कानूनों के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार अपने एक और बिल की वजह से विपक्ष के निशाने पर आ गई है। दरअसल, संसद में जारी बजट सत्र के दौरान मोदी सरकार द्वारा पेश किये गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक-2021 को लेकर विपक्ष आक्रामक होता नजर आ रहा है। अभी बीते दिन जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र के इस बिल को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया था, वहीं अब कांग्रेस ने भी इस बोल को लेकर हल्ला बोला है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को ट्वीट कर कहा है कि ये एनसीटी विधेयक गैर-कानूनी और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। साथ ही इससे सत्ता का अहंकार झलकता है।

कांग्रेस नेता सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2021 गैर-संवैधानिक है। यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। निर्वाचित सरकार पर अंकुश लगाने वाला है। ये विधेयक विधायकों को पिंजड़े में कैद प्रतिनिधित्व वाला दर्शाता है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि ये निर्णय सत्ता के अहंकार का एक और उदाहरण है।

इससे पहले, दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बिल को ‘अंसवैधानिक और अलोकतांत्रिक’ करार दिया था। उन्होंने कहा है कि इस बिल के बाद दिल्ली में ‘सरकार’ का मतलब उपराज्यपाल होगा। तो चुनी हुई सरकार क्या करेगी? सभी फाइल्स एलजी के पास जाएगी तो फिर सरकार और विधायक का चयन किस लिए हुआ है।

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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में एक बिल पेश किया गया है, इसके तहत दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ अतिरिक्त शक्तियां मिल सकती हैं। इनमें विधानसभा से अलग कुछ मामलों में दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी। संशोधनों के मुताबिक, दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर उपराज्यपाल से 15 दिन पहले और प्रशासनिक फैसलों पर करीब सात दिन पहले मंजूरी लेनी होगी। इसी को लेकर दिल्ली सरकार आपत्ति जता रही है।