पीएम पद संभालते ही हमास पर फूटा नफ्ताली का गुस्सा, गाजापट्टी पर आसमान से बरसी मौत

बीते महीने इजराइल और फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के बीच जारी तनाव ने एक बार फिर सिर उठाना शुरू कर दिया है। दरअसल, बीते दिनों इजराइल की सत्ता की भागदौड़ संभालते ही नफ्लाती बेनेट ने फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किये हैं। इजराइली सुरक्षाबलों (आईडीएफ) ने एयरस्ट्राइक कर गाजा पर जमकर बम बरसाए। आईडीएफ का दावा है कि तटीय इलाकों में आग लगाने की घटना के जवाब में बुधवार तड़के पूरे गाजा पट्टी में हवाई हमलों को अंजाम दिया गया।

हमास के सैन्य विंग अल-कसम ब्रिगेड की इमारत पर गिरे बम

एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, फिलिस्तीनी मीडिया ने इस इजराइली एयरस्ट्राइक की खबरों को अपने समाचार पत्रों में प्राथमिकता के साथ जगह दी है। गाजा में फिलीस्तीनी मीडिया आउटलेट्स द्वारा पोस्ट किए गए फुटेज में उत्तरी और दक्षिणी पट्टी दोनों में विस्फोटों की लपटों को देखा जा सकता है। पत्रकारों का कहना है कि इजरायली सुरक्षा बलों ने ताजा हमले में जिन इमारत परिसरों को निशाना बनाया है, उसमें हमास के सैन्य विंग अल-कसम ब्रिगेड भी शामिल है।

हमास से जुड़े फिलिस्तीनी मीडिया सेंटर ने बताया है कि इजरायली हमले में गाजा पट्टी में कोई घायल नहीं हुआ है। इजरायली सुरक्षा बल (IDF) ने बयान जारी कर बताया कि उसके लड़ाकू विमानों ने खान यूनिस और गाजा शहर में हमास के उन सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जहां उसके लड़ाके रहते हैं।

टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, इजरायली सुरक्षा बलों ने कहा कि दक्षिणी इजरायल में आग लगाए जाने की घटना के जवाब में ये कार्रवाई की गई है। हमास के सदस्य गुब्बारे के जरिये दक्षिण इजरायल के इलाकों में आग लगा दे रहे हैं। इजरायली सुरक्षा बल ने दावा किया है कि गाजा पट्टी में जिन परिसरों को निशाना बनाया है वहां आतंकी गतिविधि चल रही थी। इजरायल की सेना ने कहा कि वो किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है।

बताया जा रहा है कि इजराइल ने यह हमला जब इजरायल की नई सरकार ने पूर्वी यरुशलम में यहूदी राष्ट्रवादियों को मार्च निकालने की अनुमति दे दी। यरुशल में मार्च निकालने पर हमास ने फिर से तनाव भड़कने की चेतावनी दी थी, इसके बावजूद नेफ्टाली बेनेट की नई सरकार ने राष्ट्रवादियों को विवादित मार्च निकालने की अनुमति दी। यह मार्च यरुशलम दिवस के मौके पर 10 मई को निकाला जाना था, लेकिन अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद फ्लैग मार्च को रद्द कर दिया गया। 

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वैसे तो इजराइल ने सुरक्षा के पुख्ता इन्तेजाम किये थे, लेकिन इसके बावजूद चरमपंथी गुटों के सदस्यों ने मंगलवार को इजरायल के दक्षिणी एन्क्लेव की सीमा की 26 जगहों पर आग लगा दी। कुछ फिलिस्तीनियों ने भी सीमा पर बवाल किया।

आपको बता दें कि इसके पहले 10 मई को अल-अक्सा मस्जिद में झड़प और शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली की योजना के चलते हमास ने इजरायल पर रॉकेट से ताबड़तोड़ वार किये थे। इस हमले का जवाब देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किया और 11 दिनों तक लगातार गाजापट्टी पर हमले किये थे। इन हमलों में सैकड़ों लोगों की जान गई थी। बीते 21 मई को हमास और इजराइल के बीच सीजफायर हुआ, जिसके बाद यह युद्ध शांत हुआ।