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कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए राज्यपाल ने अफसरों दिए निर्देश

नैनीताल। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार को राजभवन नैनीताल में कुमाऊं मंडल में कोरोना नियंत्रण की स्थिति पर अफसरों के चर्चा की। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बच्चों को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए हर तरह का प्रबंध किया जाए। राज्यपाल ने दूसरी लहर में वापस घर लौटे प्रवासियों एवं तीसरी लहर की तैयारी पर आयुक्त, आईजी व जिलाधिकारी आदि के साथ समीक्षा बैठक की।

उन्होंने मंडल के सभी जिलों में कोरोनो जांच, सक्रियता तथा ठीक होने वाली दर एवं टीकाकरण की स्थिति की जानकारी ली। राज्यपाल मौर्य ने कहा  समय पर शासन से कोरोना के टीकों की उपलब्धता की मांग की जाए।सभी श्रेणियों में शत-प्रतिशत टीकाकरण तय किया जाए। दूसरा टीका भी समय पर लगाया जाए।

जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने उन्हें जनपद में प्रथम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्य कर्मियों, 45 से ऊपर और 18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकरण की स्थिति से अवगत कराया। कुमाऊं मंडल आयुक्त अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में प्रवासियों के लौटने की संख्या कम है।

राज्यपाल ने तीसरी लहर की तैयारियों के सिलसिले में मंडल के सभी जनपदों में बाल रोग विशेषज्ञ, बेड, आईसीयू, ऑक्सीजन बेड आदि की जानकारी ली। ऑक्सीजन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, सीएसआर के माध्यम से पर्याप्त संसाधन रखने साथ ही ग्रामीण स्तर पर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश नैनीताल जिले की सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी को दिए। साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को पल्स ऑक्सीमीटर, बुखार आदि को जांचने, मरीज को ऑक्सीजन देने का प्रशिक्षण देने, मानसून काल में मार्गों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में ऑक्सीजन की पहाड़ पर निर्बाध आपूर्ति, ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना, कंसंट्रेटर आदि व अन्य विकल्प भी तैयार रखने को कहा।

राज्यपाल ने आगाह किया कि  सीमा पर चेकिंग, मास्क व दो गज की दूरी पर लापरवाही न बरती जाए। कोविड गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर सख्ती की जाए।  नशे के विरुद्ध अभियान में तेजी लाई जाए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल से गोद लिए गए ‘गहना’ गांव में किए गए विकास व उत्थान कार्यों की जानकारी भी ली।

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लघु व्यवसायियों का दर्द समझा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कोरोना कर्फ्यू में कुछ व्यापारों को नियमों के साथ खोलने में दी जा रही छूट की तर्ज पर नैनीताल के पर्यटन को पुनः सदृढ़ बनाने के लिए नाव, रिक्शा, घोड़ा-खच्चर चालकों को एसओपी का पालन कराते हुए संचालन की अनुमति देने पर भी विचार करने को कहा। उन्होंने रोजगार के पटरी पर आने तक श्रमिकों एवं लघु व्यवसायियों को राहत सामग्री के साथ-साथ अन्य जरूरी सामानों की किट भी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने पीएचसी नैनीताल को दस लीटर क्षमता के 25 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर देने को कहा।