हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाकर बुरे फंसे मुनव्वर राणा, हाईकोर्ट ने दिया तगड़ा झटका

उत्तर प्रदेश की इलाहबाद हाईकोर्ट ने मशहूर शायर मुनव्वर राणा को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने मुनव्वर राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। दरअसल, मुनव्वर राणा के खिलाफ राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उनपर आरोप है उन्होंने महर्षि बाल्मीकी की तुलना करके धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया है। यह एफआईआर सामाजिक सरोकार फाउंडेशन की ओर से दर्ज की गई है। इसी वजह से खुद पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार से बचने के लिए अदालत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसले लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है

मुनव्वर राणा पर लगे धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने का आरोप

इसके पहले हजरतगंज कोतवाली के प्रभारी श्याम शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया था कि वाल्मीकि समज के नेता पीएल भारती की तहरीर पर मुनव्वर राणा के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने और अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पीएल भारती ने हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसमें उन्होंने दावा कि मुनव्वर ने तालिबान की तुलना महर्षि से कर के देश के करोड़ों दलितों को ठेस पहुंचाई है, उनका अपमान किया है। साथ ही हिंदु आस्था को चोट पहुंचाई है।

पीएल भारती के साथ-साथ आंबेडकर महासभा के महामंत्री अमरनाथ प्रजापति ने भी मुनव्वर राणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। बता दें, एक चैनल में चर्चा में शामिल होने गए मुनव्वर राणा ने तालिबान की तुलना महर्षि वाल्मीकि से की थी जिसके बाद दावा किया गया कि देश के करोड़ों लोग उनकी इस टिप्पणी से अपमानित महसूस कर रहे हैं।

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मुनव्वर ने चर्चा में कहा था कि वाल्मीकि जो पहले क्या थे और बाद में क्या हो गए। तालिबानी भी पहले से बदल चुके हैं। अब पहले जैसा माहौल नहीं है। दरअसल, मुनव्वर का कहना था कि तालिबानी बुरे लोग नहीं हैं। हालातों के चलते वो ऐसे हो गए हैं। इसी के साथ मुनव्वर ने ये भी कहा कि तालीबानियों पर भरोसा किया जा सकता है।