जिला गंगा समिति तथा जिला पर्यावरण समिति की संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिले के उत्तरी भाग में स्थित पतित पावनी गंगा के किनारे बनाए गए भागीरथी 01 की 700 एकड़ भूमि के बीच ग्रीन कॉरीडोर बनाया जाएगा। राम चेतावनी झील को विकसित कर पर्यावरण की दिशा में एक नई पहल की जाएगी।
कलेक्ट्रेट पर आयोजित बैठक के दौरान डीएम सीपी सिंह ने कहा कि गंगा वन से भागीरथी वन के बीच 700 एकड़ भूमि पर ग्रीन कॉरीडोर बनाये जाने तथा राम छितौनी झील के सौंदर्यकरण कार्य में तेजी लाई जाये। भागीरथी वन के पास की भूमि डब्लूडब्लूएफ के सर्वे में कछुआ संरक्षण केन्द्र/हैचरी स्थापना स्थापना के लिये उपयुक्त पाई गई है। इसके लिये आवश्यक कार्यवाही की जाये।
उन्होंने कहा कि जिन नहरों की टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है, उनकी सूची बनाकर दें। कार्ययोजना बनाकर कार्य कराया जायेगा। बाछमई नहर को काली नदी से जोड़ा जा रहा है, कोई असुविधा होती है तो नहर विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी। समिति से संस्तुति लेकर कासगंज से अलीगढ़, कासगंज से एटा तथा कासगंज से बरेली मार्ग पर गंगा वन एवं भागीरथी वन के दूरी दर्शाते हुये बोर्ड लगाये जायें। बायो डाइवर्सिटी पार्क की कार्ययोजना पुनः भेजी जाये।
गंगा किनारे स्थित 34 गांवों में पंचायतराज विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुये कहा कि इन गांवों में प्लास्टिक के कचरे के नियंत्रण के लिए कार्ययोजना बनाई जाये। लहरा, शहबाजपुर, पटियाली, हरिपदी सोरों में मेले के दौरान गंगा के किनारे जाल आदि लगवायें जिससे प्लास्टिक कचरा निकाला जा सके। पॉलीथीन नियंत्रण के लिए अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता लाई जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पतंग उड़ाने के लिये सिंथेटिक या शीशा लेपित माझा, नायलॉन पतंग डोरी तथा चाइनीज मांझे का निर्माण, भण्डारण, उपयोग एवं बिक्री को तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्धित कराकर प्रभावी कार्यवाही की जाये। जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं समितियों के सदस्य मौजूद रहे।