विदेश में भारतीय समुदाय कि सुरक्षा और भलाई को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बानीज के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि मैंने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले को लेकर चर्चा कि जिसके बाद पीएम अल्बानीज ने भरोसा दिसाया था कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और भलाई उनकी प्राथमिकता है। लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की घटनाओं के बाद खालिस्तान समर्थकों ने भारतीयों पर हमलों की धमकी दी है।
ताजा घटनाक्रम में खालिस्तान समर्थकों ने बुधवार को खालिस्तान रिमंबरेंस रैली करने और ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिजय दूतावास का घेराव करने का ऐलान किया है। ऑस्ट्रेलिया में भारत पत्रकारों को धमकी के पोस्टर लगाए हैं। खालिस्तान समर्थकों ने 19 मार्च को ब्रिस्बेन में रेफरेंडेंम की भी घोषणा की है।
बता दें कि इसके पीछे ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर हमले की चेतावनी के पीछे एसएफजे का हाथ है। बारत में आतंकी घोषित इस संगठन के प्रमुख गुरपतंवत सिंह पन्नू ने एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें भारतीय उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा सहित भारतीय पत्रकार जितार्थ जय भारद्वाज, अमित सरवाल और पल्लवी जैन को धमकियां भी दी हैं।
पुलिस नहीं कर रही कोई कार्रवाई
ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले और रेफरेंडम के दौरान भारतीयों पर हमले की घटनाओं की पुलिस को शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस मामले तो दर्ज कर लेती है, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण कोई गिरफ्तारी नहीं करती है। साथ ही खालिस्तान समर्थकों कार्रवाई नहीं करती है।