इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह पर पार्टी द्वारा किए गए चुनावी वादे और घोषणा पत्र को पूरा न करने के संबंध में दाखिल निगरानी याचिका को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. निगरानी याचिका अलीगढ़ के अधिवक्ता खुर्शीद उर रहमान की ओर से दाखिल की गई थी.
पोषणीयता के आधार पर किया खारिज
जस्टिस दिनेश पाठक ने निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए पोषणीयता के आधार पर खारिज कर दिया. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड ने पक्ष रखते हुए कहा कि चुनाव घोषणा पत्र के खिलाफ कोई विधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती. सरकार अपने किए गए वादों पर काम कर रही है. कई योजनाओं को जमीन पर लागू कर दिया गया है और कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है.
निगरानी याचिका खारिज
उन्होंने कहा कि कोर्ट के समक्ष दाखिल निगरानी याचिका को सही नहीं है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए निगरानी याचिका खारिज कर दी. गौरतलब है की इससे पहले अलीगढ़ मजिस्ट्रेट कोर्ट और अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट द्वारा अर्जी को खारिज कर दिया गया था. आदेश को हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई थी.