सीएम योगी की रणनीति से संक्रमितों को मिल रही ‘संजीवनी’, जता रहे आभार

लखनऊ। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति कोरोना संक्रमितों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। प्रदेश में होम आईसोलेशन में रहते हुए 10 लाख 4 हज़ार 447 लोगों ने कोरोना को मात दी है। संक्रमति होने पर उन्होंने चिकित्सकों की सलाह पर खुद को होम आईसोलेट किया। इस दौरान उन्हें दवाइयां दी गईं और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) से स्वास्थ्य का अपडेट लिया जाता रहा। कोरोना से जंग जीतकर आए वारियर सीएम योगी का आभार जता रहे हैं।

योगी की रणनीति की वजह से मिला नया जीवन

प्रदेश के हर जिले में लोगों ने होम आईसोलेशन में रहकर कोरोना को मात दे रहे हैं। राजधानी लखनऊ, देवरिया और वाराणसी में होम आईसोलेश में रहे कोरोना संक्रमितों ने बताया कि योगी सरकार की ‘टेस्ट, ट्रीट और ट्रेस’ नीति की वजह से उनको दोबारा नया जीवन मिला है। कोविड अस्पताल में भर्ती होने के बाद वापस घर लौटे लोगों का कहना है कि सीएम योगी की देन है कि वह आज कोरोना को मात देकर लौटे हैं। उन्हें अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी भी नहीं हुई।

होम आईसोलेशन के दौरान ‘सीएमओ’ खुद फोन कर लेते रहे हालचाल

देवरिया के भाटपार रानी में रहने वाले राघवेन्द्र वीर विक्रम सिंह मदन मोहन मालवीय शिक्षा संस्थान के प्रबंधक हैं। बताते हैं कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्होंने खुद को होम आईसोलेट किया। इस दौरान अस्पताल से मिले होम आईसोलेशन में रहने के निर्देशों का पूरा पालन किया। सुबह काढ़ा, दवाईयां सही समय पर लेना, योग करके अपनी दिनचर्या को पूरी तरह से सही किया। वह कहते हैं कि योगी सरकार के निर्देशों का तत्परता से पालन करते हुए मरीजों की पूर्ण सेवा की जा रही है। इसका उदाहरण तब सामने आया, जब देवरिया के सीएमओ डॉ. आलोक पाण्डेय ने फोन पर उनका हालचाल लिया। दवाइयां भी अस्पताल की तरफ से उनको मिलीं।

सरकार की ‘टेस्ट, ट्रीट और ट्रेस’ नीति से होम आईसोलेशन में हुए स्वस्थ

वाराणसी जिले के जक्खनी गांव में रहने वाले करन उपाध्याय पेशे से अभिनेता हैं। कई फिल्मों, वेब सीरीज, डॉक्यूमेंट्री और शार्ट मूवी में काम कर चुके हैं। बताते हैं कि बुखार की शिकायत के बाद उन्होंने जिले के जन सुविधा अस्पताल में अपनी जांच कराई, जिसमें पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर अपने घर पर ही होम आईसोलेट हुए। घर के अन्य सदस्यों की भी जांच हुई। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर बराबर उनका हालचाल लेते रहे। दवाई भी उनको अस्पताल से समय पर मिली। योगी सरकार की टेस्ट, ट्रीट एंड ट्रेस नीति का ही नतीजा है कि आठ दिनों में कोरोना पॉजिटिव से वह निगेटिव हो गए। इस दौरान घर में खुद को सबसे अलग रखा। होम आईसोलेशन के नियमों का पूरा पालन किया।

पांच दिनों में कोरोना को मात देकर अस्पताल से लौटे सुरक्षित घर

लखनऊ के ठाकुरंगज स्थित टीबी अस्पताल में बतौर डेन्टल हाइजनिस्ट के पद पर कार्यरत राजीव तिवारी करीब पांच दिनों तक केजीएमयू अस्पताल में भर्ती रहे। पत्नी और बच्चे घबड़ा गए थे। इस दौरान उनको कोविड-19 बीमारी की रोकथाम के लिए अस्पताल की सभी सेवाएं उपलब्ध हुईं। राजीव तिवारी बताते हैं कि डॉक्टर और अन्य स्टॉफ भी बार-बार उनका हालचाल लेते रहे। ऑक्सीजन की कमी भी उनको नहीं हुई। दवाएं भी समय पर उपलब्ध होती रहीं। अस्पताल से घर लौटने पर भी डॉक्टरों की ओर से हालचाल लिया गया। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार की योजनाओं और निर्देशों का अस्पताल प्रसासन की ओर से पूरा पालन किया, जिसका नतीजा है कि वह पांच दिनों में बीमारी को मात देकर अपने घर वापस लौट आए।

इलाज मिला, दवा मिली और प्रशासन की ओर से हालचाल भी लिया जाता रहा

लखनऊ में फैजुल्लागंज निवासी और पेशे से व्यवसाई दीपक शुक्ला कहते हैं कि कोविड की लड़ाई में योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि उन्हें पुन: नया जीवन मिला है। कोविड पॉजिटिव होने के बाद लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उनको भर्ती करना पड़ा था। 12 दिन तक भर्ती रहे। सरकार का प्रयास अच्छा रहा कि समय से हर मरीज को इलाज मिला, दवा मिली और प्रशासन की ओर से हालचाल भी लिया जाता रहा। सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए डॉक्टरों और स्टॉफ ने इलाज में किसी भी मरीज के लिए कोई कमी नहीं रखी। निजी अस्पताल के प्रबंधन की ओर से सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए सभी भर्ती मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिलती रहे, इसका भी पूरा ध्यान रखा। अब मैं डॉक्टरों की बेहतर देखरेख के बाद फिर से स्वस्थ हूं और कोरोना को हराकर अपने घर पर लौट आया हूं।

चंद्रकला ने पाई विजय, सीएम योगी को दिया धन्यवाद

जौनपुर के बदलापुर की गृहणी चंद्रकला सिंह का कहना है कि संक्रमित होने के बाद उनकी हालात गंभीर हो गई। ऑक्सीजन लेवल कम होता जा रहा था, तब उन्हें 15 अप्रैल को स्पेशल कोविड हॉस्पिटल एल 2 में भर्ती कराया गया, जहां पर डॉक्टर नर्सों के लगातार देखभाल से 28 अप्रैल को स्वस्थ होकर घर वापस आ गईं। उनका कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर की देखभाल के एकारण आज उन्होंने नई जिंदगी पाई है। हॉस्पिटल में साफ-सफाई, समय पर भोजन और दवा का नर्सों, डॉक्टरों ने पूरा ध्यान रखा। इसके लिए उन्होंने सीएम योगी और डीएम को धन्यवाद दिया है।