मायावती ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से दूरी बढ़ाने का ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी, बसपा, लोकसभा चुनाव के लिए अकेले ही लड़ेगी और पहले तीन राज्यों – राजस्थान, छत्तीसगढ़, और मध्य प्रदेश में भी अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि, हरियाणा और पंजाब में वह क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन बनाएगी।
मायावती ने 19 जुलाई यानी की बुधवार को मीडिया के सामने बोलते हुए कहा है कि विपक्षी दल सत्ता पाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं, और इसके तहत कांग्रेस की भी शामिल होने की चर्चा हो रही है। उन्होंने कांग्रेस को जातिवादी और पुंजीवादी ताकतों के साथ गठबंधन करने के लिए निशाने पर रखा है।
मायावती ने आगे कहा है कि कांग्रेस को सत्ता में रहते हुए दलितों, पिछड़ों और गरीबों की चिंता करनी चाहिए, लेकिन वह यह सोचती है जब तक कि वह सत्ता में नहीं होती है। वह दावा करती है कि भाजपा ने साल 2014 में हर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने का वादा किया था, जो कि पूरा नहीं हुआ है।
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