ममता के खिलाफ सियासी मैदान में उतरे बीजेपी के धुरंधर, बचाएंगे पार्टी की डूबती नैया

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को मिली जीत के बाद सूबे की सियासत एक नया मोड़ लेती नजर आ रही है। चुनाव के पहले जहां तृणमूल के नेताओं ने पार्टी मुखिया ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ले ली थी। वहीं अब मामला इसके विपरीत नजर आ रहा है। चुनाव के बाद अब बंगाल बीजेपी में टूट देखने को मिल रही है। हालांकि इस टूट को रोकने के लिए बीजेपी के केंद्रीय महासचिव शिव प्रकाश मैदान में उतर गए हैं।

बीजेपी महासचिव ने ममता के खिलाफ कसी कमर

तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी के नेता लगातार सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक के सामने बेसुरा बयान दे रहे हैं। इन नेताओं का बीजेपी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। इसे संभालने के लिए गुरुवार को ममता सरकार के खिलाफ शिव प्रकाश ने प्रदेश बीजेपी के सह प्रभारी अमित मालवीय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष समेत अन्य नेताओं के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इसमें पार्टी के पांच महासचिव भी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में चुनाव बाद ममता सरकार में हिंसा के शिकार हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं के बारे में भी चर्चा होगी।

बीजेपी महासचिव ने यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया है, जब मुकुल रॉय बीजेपी छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं। इसके अलावा बीते दिन बीजेपी नेता सुनील मंडल ने भी बगावती तेवर अपनाते हुए बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष पर जमकर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि जो लोग भी तृणमूल छोड़कर बीजेपी में आए हैं उन्हें पार्टी ने उचित सम्मान नहीं दिया। उन्होंने खुलेआम यह भी कहा है कि अगर तृणमूल कांग्रेस उन्हें प्रस्ताव देगी तो वह पार्टी में वापसी के बारे में भी सोच सकते हैं।

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दिलीप घोष पर सीधे तौर पर हमला बोलते हुए सुनील मंडल ने कहा था कि जब लोग तृणमूल छोड़कर बीजेपी में आने लगे तब घोष ने कहा था कि जो बीजेपी में आए हैं वे पहले बीजेपी की रीति नीति सीखें, उसके बाद उन्हें स्वीकृत किया जाएगा। ये सारी चीजें उन लोगों के साथ अन्याय थी, जिन्होंने अपनी पार्टी छोड़ी थी।