जामुन के बीज, छाल व पत्तियों में भी होते हैं तमाम रोगों को दूर करने की क्षमता

-आयुर्वेदाचार्य ने कहा, तमाम रोगों से निजात दिलाते हैं जामुन के बीज

लखनऊ, 30 जनवरी । ‘आम के आम, गुठलियों के दाम’ यह कहावत जामुन पर सटीक बैठती है, क्योंकि इसके फल ही नहीं बीज, पत्ते व छाल भी तमाम रोगों को दूर करने के लिए सहायक होते हैं। इसके साथ ही इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का गुण भी होता है, जिससे इसके सेवन से शरीर रोग ग्रस्त नहीं होता है।

इस संबंध में बीएचयू के पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जेपी सिंह का कहना है कि अम्लीय प्रकृति के इस जामुन में ग्लुकोज और फ्रैक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं।इस फल के बीज में काबोहाइट्ररेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है, इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं। यह लोहा का बड़ा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम में एक से दो मिग्रा आयरन होता है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि गर्मियों के दिनों मे जामुन के सेवन करने से लू नहीं लगती है। यह कैंसर की संभावना को कम करने मे भी काफी मददगार है।

रक्त शर्करा की मात्रा करता है नियंत्रित

डॉ. सिंह ने बताया कि इसके सेवन से रक्त के अंदर शर्करा की मात्रा को नियंत्रित होती है। इसके बीज ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने मे काम आती है। इसके सूखे बिज़ को पीसकर बनाये गये पाउडर को खाने से मधुमेह रोगियों को आराम मिलता है। सुबह चार पांच कोमल पत्तियां पीसकर पीने से शुगर लेवल सामान्य हो जाता है। सूखे छाल का पाउडर 6-6 ग्राम सुबह शाम ताजे पानी के साथ 20 दिन खाने से शुगर की बीमारी ठीक हो जाती है। सुखी पत्तिया और बीज़ सहित फल को सुखाकर पाउडर बनाये। इसके सेवन से मधुमेह से हुए मोतियाबिंद मे फायदा होता है।

पेट की समस्या करता है दूर

उन्होंने बताया कि पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए जामुन फायदे मंद है।रोज सुबह खाना खाने के बाद  जामुन खाने से पेट साफ होता है।यदि बच्चों को दस्त की समस्या हो तो जामुन की ताजी छाल को पिस कर बकरी के दूध के साथ मिलाकर पीये। यदि बच्चे बिस्तर पर पेशाब करने की बीमारी से भी राहत देता है। इसके बीजों का सेवन करने से पेट की तमाम बीमारियां पास नहीं आती।

खून की कमी दूर कर शरीर को बनाता है तंदुरुस्त

डॉ. सिंह ने बताया कि जामुन के सेवन से खून की कमी भी दूर होती है। इसके अंदर कैल्शियम, पो‌‌‌टैशियम और आयरन पाये जाते हैं। जो हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यदि मसूंडों के अंदर खून आता है तो जामून की गुंठली पीस कर नमक के साथ मसूड़ों पर लगाने से फायदा होता है। यदि मसूड़ों के अंदर सूजन आ रही है तो जामुन के पत्तों को उबाल कर कूल्ला करना चाहिए। जामून का पत्ता चबाने से मुंह का दुर्गंध दूर होता है।

लीवर की समस्या में फायदेमंद

उन्होंने कहा कि यह लीवर से संबंधित समस्या दूर करने के लिए भी कारगर है। जामुन को बीज सहित तीन से पांच घंटे पानी में डालकर उसे बाहर निकाल दें। इसके बाद मिक्सी में पीसकर सेंधा नमक के साथ सुबह-शाम लेने से लीवर व मूत्राशय की समस्या दूर होती है।

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पथरी की समस्या में फायदे के साथ ही जोड़ों के दर्द की समस्या भी करता है दूर

 यदि किसी व्यक्ति को पत्थरी की समस्या है तो जामुन का पाउडर दही के साथ मिलाकर रोज खाने से पत्थरी की समस्या भी दूर हो जाती है। गठिया रोग में जामुन की छाल को पीस कर जोड़ों पर लेप करने से फायदा होता है। इसके बीजों को पीस कर दूध में मिलाकर पेस्ट बनाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाने पर चेहरे के मुंहासे ठीक होते हैं। इसके साथ ही चेहरे में निखार आता है। एक दो ताज़ी कोमल पत्तिया रोज चबाने खून साफ होगा। इसके प्रभाव मुंहासे पर भी पड़ता है और वह ठीक हो जाता है।