उद्धव गुट के बिगड़े बोल, कहा- भारत के 5 हजार वर्षों के इतिहास में एकनाथ शिंदे जैसा कोई दानव नहीं

महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) व एकनाथ शिंदे गुट (Ekanth Shinde) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इसी बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय (Saamana Editorial) में बागी गुट पर जमकर निशाना साधा है।

धनुष-बाण चिह्न फ्रीज होने के बाद रविवार रात को उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के जरिए जनता से बातचीत की। ठाकरे और शिंदे गुट के नए चुनाव चिन्ह को लेकर आज चुनाव आयोग फैसला कर सकता है। इससे पहले उद्धव खेमे की ओर से सामना संपादकीय के जरिये शिंदे गुट पर कटाक्ष किया गया है और कहा है ”चाहे कितनी भी साजिशें और बेईमानी कर लो, शिवसेना खत्म नहीं होगी!”

सामना में लिखा गया “कोई कितनी ही साजिशें, कितनी भी बेईमानी के घाव दे दे, शिवसेना खत्म नहीं होगी। वह फिर जन्म लेगी, छलांग लगाएगी, उठेगी, शत्रुओं से हिसाब करेगी। चुनाव आयोग ने अब शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ को जब्त कर ‘शिवसेना’ नाम के स्वतंत्र इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया है। यह पाप दिल्ली ने किया है। बेईमान पहरेदारों ने माँ के साथ बेईमानी की है! अंत में हम इतना ही कहेंगे, कितनी भी मुसीबतें क्यों न आएं, हम उसपर पैर रखकर खड़े होंगे!”

बालासाहेब ठाकरे ने 56 साल पहले मराठी पहचान के लिए, मराठी लोगों के न्यायसंगत अधिकारों के लिए और हिंदुत्व की सीमाओं से परे होकर शिवसेना बनायी। आज उसी शिवसेना के अस्तित्व को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र की धरती से एकनाथ शिंदे और उनके चालीस अनुयायी दिल्ली के गुलाम हो गए हैं।

सामना में आगे कहा गया, “जब कोई भी शिवसेना को खत्म करने में कामयाब नहीं हुआ, तो एकनाथ शिंदे आये। तैमूरलंग, चंगेजखान और औरंगजेब की तरह एकनाथ शिंदे और उनके साथियों ने दुष्टता की। एकनाथ शिंदे इनके सरदार हैं। ऐसा दानव भारत के इतिहास में पांच हजार वर्षों में नहीं हुआ है। चुनाव आयोग ने जैसे ही शिवसेना के अस्तित्व को चोट पहुँचाने की कोशिश, वह दुष्टकर्म करने वाले अफजल खान की तरह अपनी दाढ़ी को सहलाते हुए हँसा होगा।”

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गौरतलब हो कि केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष-बाण (Shivsena Electon Symbol) को फ्रीज कर दिया। इसके अलावा, ठाकरे गुट और शिंदे गुट को अस्थायी रूप से ‘शिवसेना’ का नाम का इस्तेमाल करने से भी प्रतिबंधित कर दिया।