उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी का सामने आया खतरनाक रोल

पुलिस ने कस्टडी रिमांड के दौरान अतीक के 5 गुर्गों से पूछताछ की। इस बीच पांचों ने विस्तार से बताया कि कैसे उनके द्वारा षडयंत्र और हत्याकांड से पहले गुर्गों को रुपए और मोबाइल देने की जिम्मेदारी असद ने उठा ली थी। बताया गया कि शूटर्स और उनके परिवारवालों तक पैसे शाइस्ता के द्वारा पहुंचाए गए थे। पुलिस के द्वारा अतीक के गुर्गों से पूछताछ के लिए 50 सवालों को तैयार किया गया था। गुर्गों से सवाल किया गया तो उन्होंने तमाम सवालों के जवाब दिए। सभी से पूछताछ के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया।

पूछताछ को लेकर तैयार की गई थी सवालों की लिस्ट

आपको बता दें कि मंगलवार की सुबह तकरीबन 9 बजे नैनी जेल से धूमनगंज के नियाद, कटरा निवासी अरशद, कैश अहमद, राकेश उर्फ लाला और मो. सजर को कस्टडी रिमांड पर लिया गया। कोर्ट की ओर से पूछताछ के लिए मिली 6 घंटे की कस्टडी रिमांड के आधार पर ही इन सभी से पूछताछ के लिए सवालों की लिस्ट तैयार की गई।

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आईफोन में पहले से ही मौजूद थे नंबर, उन पर ही देनी थी जानकारी

पूछताछ में नियाज के द्वारा जानकारी दी गई कि असद उसके साथ 12 फरवरी से संपर्क में था। उसने अपने फोन से ही नियाज की बात अतीक से करवाई थी। इसके बाद नियाज ने अगले दिन उमेश की रेकी की और जहां भी उमेश गया उसके पीछे वह चलता रहा। यह पूरी जानकारी असद को दी जा रही थी। उमेश के पड़ोसी मो. सजर के द्वारा जानकारी दी गई कि 13 फरवरी से उसने भी उमेश की रेकी शुरू की थी। इंटरनेट फोन के जरिए वह भी तमाम जानकारी असद तक पहुंचा रहा था। असद ने सजर को एक आईफोन दिया था जिसमें पहले से ही नंबर फीड थे। इन नंबरों पर ही उसके द्वारा जानकारी दी जाती थी। जो फोन दिया गया था उसमें इंटरनेट फोन के अलावा कोई फंक्शन काम नहीं करता था। अरशद की ओर से जानकारी दी गई कि उसे कचहरी के आस-पास की जानकारी देनी होती थी। उमेश जितनी बार भी कचहरी गया था तो असद उसकी पूरी जानकारी देता था। शूटरों के द्वारा तमाम जानकारी इस दौरान साझा की गई जिससे पुलिस को अहम सुराग भी लगा है। बताया जा रहा है कि इन बयानों के बाद आगे की पड़ताल में काफी मदद मिल सकेगी।