माफिया अतीक अहमद बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं हो पाने पर बेहद दुखी है. जी मीडिया संवाददाता ने बताया कि वह लॉकअप के अंदर बोरे पर लेट गया है. थाने के विवेचक से उसने कहा बेटे के जनाजे में शामिल होना मेरा अधिकार था.अल्लाह सब कुछ देख रहा है.किसी को अल्लाह माफ नही करेगा.मेरे पूरे परिवार को तुम सब खत्म करना चाहते हो. जी मीडिया संवाददाता के मुताबिक, अतीक अहमद ने धूमनगंज थाने के लॉकअप में बेटे असद का देखने की गुजारिश थी. टीवी या फिर मोबाइल के जरिए असद के ‘सुपुर्द-ए-खाक’ की प्रक्रिया को वह देखना चाहता था.

अतीक और अशरफ ने पुलिसकर्मियों से काफी मिन्नतें की लेकिन किसी ने उसे जनाजे में शामिल होने की इजाजत नहीं दी. पुलिस ने जनाजे या ‘सुपुर्द-ए-खाक’ की प्रक्रिया को दिखाने से संबंधित कोई भी सुविधा उपलब्ध कराने से साफ इनकार कर दिया. सुपुर्दे खाक की प्रक्रिया में 80से 100 लोग शामिल हुए. ये लोग अतीक के रिश्तेदार व उसके पड़ोसी बताए जा रहे हैं. कब्रिस्तान से बाहर निकलते वक्त कोई भी शख्स मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हुआ.
यह भी पढ़ें: अब मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी की बारी, 15 साल पुराने केस में फैसला आज
मिली जानकारी के मुताबिक असद के ‘सुपुर्द-ए-खाक’ में अतीक अहमद, अतीक का भाई अशरफ, असद के चार अन्य भाई और मां शामिल नहीं हो पाए. सूत्रों ने बताया कि माफिया डॉन अतीक की पत्नी शाहिस्ता परवीन और भाई अशरफ पुलिस को चकमा देकर लगातार असद को बचाने की कोशिश कर रहे थे .. हालांकि असद कुछ समय नेपाल जाने की फिराक में था लेकिन वह एसटीएफ की टीम की वजह से वह किसी छिप नहीं पाया. अतीक ने पैसे के लिए अपने अन्य प्रदेश में लोगों को शूटरों की मदद के लिए शाहिस्ता परवीन को पैसा भिजवाने के लिए कहा था.
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine