उमेश पाल मर्डर केस की आरोपी शाइस्ता परवीन अब भी फरार है, यूपी एसटीएफ उसे ढूंढ रही है। लेकिन उसका अता पता नहीं है। इन सबके बीच एफआईआर में शाइस्ता को माफिया नाम दिया गया है।
लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शाइस्ता को माफिया नाम से संबोधित नहीं करना चाहिए। ये पुलिस की नहीं सीएम और बीजेपी की भाषा है, पुलिस को सीएम और बीजेपी चला रही है। ये लोग नफरत से चुनाव जीतने की कोशिश है, शाइस्ता के नाम के आगे माफिया शब्द लगाना कहां तक सही है। हाल ही में एक दर्ज एफआईआर में माफिया शाइस्ता कहा गया है।
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शाइस्ता अब भी फरार
कानपुर में रोड शो के दौरान उन्होंने कहा कि आखिर यह कहां तक सही है कि एक महिला को माफिया का विशेषण दे दिया जाए। बता दें कि उमेश पाल मर्डर केस में शाइस्ता को षड़यंत्रकारी के तौर पर बताया गया है। पुलिस का कहना है कि अब तक की सीसीटीवी फुटेज और जांच से पता चला है कि उसे छोटी बड़ी हर जानकारी थी। शाइस्ता परवीन के बारे में बताया जा रहा है कि वो अतीक और अशरफ के जनाजे में शामिल होना चाहती थी। इसके लिए वो प्रयागराज के खुल्दाबाद में ही रुकी थी। लेकिन टीवी के माध्यम से कसारी मसारी कब्रिस्तान पर पुलिसिया बंदोबस्त के बारे में जानकारी मिली तो उसने ऐन वक्त पर अपनी योजना को बदल दिया। जिस समय वो खुल्दाबाद में रुकी हुई थी उस वक्त उसके साथ शूटर साबिर भी था।