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प्याज की माला पहनकर सड़कों पर उतरी आप, पदाधिकारियों को सौंपा ज्ञापन

बढ़ती महंगाई के खिलाफ आम आदमी पार्टी ( आप ) ने शनिवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। आप के कार्यकर्ताओ ने इस मौके पर जिला अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौपा मांग की और कमरतोड़ इस महंगाई से निजात दिलाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

आप ने बढती महंगाई के खिलाफ उठाई आवाज

लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, फतेहपुर, नॉएडा, बिजनोर, औरैया, गाजियाबाद, हराजगंज, कन्नौज, कौशांबी, अमरोहा, प्रयागराज, आजमगढ़, बरैली सहित प्रदेश के सभी ज़िलों में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। लखनऊ में प्रदेश सह प्रभारी ब्रिज कुमारी और कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।

पार्टी का मानना है की महामारी और बेरोज़गारी का दंश झेल रही आम जनता को राहत देने के बजाय सरकार उनकी जेब में डाका डालने का काम कर रही है। 

आम आदमी पार्टी का ये मानना है कि इन हालातों के जिम्मेदार मोदी सरकार द्वारा उठाये गए कुछ बेहद जनविरोधी कदम हैं । जिनमे से सबसे प्रमुख है हाल ही में पास हुआ कृषि बिल जो देश की पूरी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बेहद घातक है।

आप का कहना है कि इस बिल ने पूंजीपतियों को कृषि उपज की जमाखोरी की खुली छूट दे दी है जिसका सीधा शिकार किसान हुआ है और इन पूंजीपतियों के माध्यम से बिकने वाली कृषि उपज आम उपभोक्ता तक बेहद महंगी हो कर पहुँच रही है। साफ़ दिखाई पड़ रहा है कि मोदी सरकार ने पूंजीपतियों के लिए किसानों से सस्ते में अनाज, दाल और सब्जी आदि खरीद के जमा करके उसको बाजार में महंगे दामों में बेचने की खुली छूट दे दी है और देश के आम लोगों के साथ बड़ा धोखा किया है।

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कृषि बिल का एक और जो बेहद भयावह पक्ष है वो है की नए बिल में MSP की व्यवस्था को बदनियती से, साजिशन समाप्त कर दिया है, किसान औने पौने दाम पर अपनी फसलें बेचने को मजबूर हो गए हैं, ऐसे ही चलता रहा तो देश का कृषि ढांचा पूरी तरह चरमरा जायेगा, और करोड़ों किसान या तो आत्महत्या के लिए विवश हो जायेंगे या मजबूरी में कृषि छोड़ कर मजदूर बन जायेंगे। महज चंद पूंजीपतियों के प्रभाव में आ कर देश के अन्नदाता के साथ ये बहुत बड़ा धोखा किया गया है, और इसका खामियाजा कमरतोड़ महंगाई के रूप में देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

आप ने इस बिल के पास न होने के लिए हर संभव प्रयास किया। संसद से लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ी और आगे भी इस बिल को वापस लेने तक यह लड़ाई जारी रहेगी।