यूपी कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व में जल्द ही बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते है। निकाय चुनाव के नतीजों से हाईकमान खुश नहीं है। ऐसे में उच्च स्तर पर तय हुआ है कि जिन नेताओं को सजातीय सम्मेलन कराने या सजातीय बड़े नेताओं को शामिल करने की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने इसे ठीक से नहीं निभाया उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
महापौर के 2 प्रत्याशियों को पहुंचा पार्टी का सिंबल
सूत्र बताते है कि अहम जिम्मेदारी निभाने वाले कई पदाधिकारियों ने सांगठनिक के कामकाज में कोई खास रुचि नहीं ली। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं कि उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए एक सजातीय सम्मेलन नहीं करवाया। इतना ही नहीं एक भी सजातीय पूर्व विधायक या सांसद तक को पार्टी में शामिल नहीं करवा सके। जबकि इन पदाधिकारियों को जनाधार बढ़ाने की एक प्रमुख जिम्मेदारी दी गई थी। कुछ पदाधिकारियों के कारण संगठन में गुटबाजी भी बढ़ी और निकाय चुनाव में सिंबल वितरण में भी लापरवाही रही। एक ही स्थान पर महापौर पद के 2 प्रत्याशियों के पास पार्टी का सिंबल पहुंच गया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि बदलाव को लेकर होमवर्क पूरा हो चुका है। जल्दी हाईकमान इस संबंध में लिस्ट जारी कर देगा।
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अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिला प्रणाम
निकाय चुनाव में पार्टी ने सफलता के जो दावे किए थे। उसके अनुरूप परिणाम नहीं मिले। इसके पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की यहीं स्थिति रही थी। इससे उभरने के लिए कांग्रेस ने पिछले साल सितंबर में प्रयोग किया था। प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही यूपी में छह हिस्सों में बांटते हुए छह प्रांतीय अध्यक्ष बनाये गए थे।