अब प्रदेश के शैक्षिक संस्थान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के सहभागी बनकर लोगों को जल से जुड़ा पाठ पढ़ाएंगें। उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक जनपद में पांच स्कूलों को बतौर एजुकेशन पार्टनर के रूप में चयनित किया जाएगा। सरकारी एवं गैर सरकारी चयनित स्कूल जल जीवन मिशन में ‘शिक्षा भागीदार’ की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगें। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने स्कूल के छात्रों, शिक्षकों और लोगों को जल जीवन मिशन व मिशन से जुड़े कार्यों की छोटी से छोटी जानकारी मिल सके इसके लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट फाइव एजुकेशन पार्टनर’ की रणनीति का खाका तैयार कर लिया है।
‘वन डिस्ट्रिक्ट फाइव एजुकेशन पार्टनर’ कार्यक्रम में यूपी के 75 जनपदों से पांच स्कूलों को चयनित कर जल जीवन मिशन, जागरूकता कार्यक्रमों से जुड़ी जानकारी उनके साथ समय समय पर साझा की जाएगी। जल जीवन मिशन के तहत एजुकेशन पार्टनर्स को जल के क्षेत्र में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएंगी। जिससे ये स्कूल कार्यक्रमों में अपनी पूरी सहभागिता देते हुए समाज के सभी वर्गों तक जल संरक्षण व जल संर्वधन, जल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी व प्रदेश सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देंगें।
एजुकेशन पार्टनर्स समाज को पढ़ाएंगें जल का पाठ
प्रदेश भर के लगभग 375 एजुकेशन पार्टनर्स के छात्रों और शिक्षकों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से अपशिष्ट जल का इलाज कैसे किया जाता है, पानी का नियमित परीक्षण कैसे किया जाता है और तकनीकि पहलूओं की जानकारी दी जाएगी। स्कूलों में शिक्षक छात्रों को जल व इस मिशन से जुड़ी जानकारी देते हुए उन्हें जल संरक्षण व जल संवंर्धन के लिए प्रेरित करेंगे। जिसके बाद ये एजुकेशन पार्टनर्स जल जीवन मिशन के तहत जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जल का पाठ पढ़ाएंगें।
यह भी पढ़ें: ‘मन की बात’ कार्यक्रम की बिल गेट्स ने की तारीफ, सर्वे में बोले लोग- ‘असल भारत से कराया परिचय’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जल जीवन मिशन योजना जहां ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का काम कर रही है। वहीं जल संरक्षण और जल संचयन का संदेश देने के लिए समाज के हर वर्ग के बीच जल जागरूकता फैलाने का भी अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम भी बच्चों को जल की कीमत बताने के साथ उनके अंदर जल बचाने की चेतना को जगाने का कार्य करेगी। बच्चे कल का भविष्य हैं और उनको यह बताना जरूरी है कि जल है तो कल है। जल बिना जीवन नहीं है, इन भावों को जगाने के लिए प्रदेश के शैक्षिक संस्थानों का आगे बढ़कर योगदान देना बहुत ही सराहनीय कदम है।