माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. प्रयागराज पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी का गठन किया है. इस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में 3 सदस्यों को नियुक्त किया गया है. कमिटी में ADCP क्राइम, एसीपी भी शामिल हैं. बीते शनिवार की रात को मेडिकल परीक्षण कराने अस्पताल पहुंचे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमलावरों ने पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में वारदात को अंजाम दिया. घटना का लाइव वीडियो टीवी पर भी चल गया. क्योंकि उस वक्त अतीक और अशरफ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
माफिया-नेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस सुरक्षा में गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद रविवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर इसकी जांच के लिए शीर्ष न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया. अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच का भी अनुरोध किया गया है.
प्रयागराज में शनिवार को पुलिस हिरासत में हमलावरों की गोलियों से मारे गये माफिया-नेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के शवों को रविवार रात स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया गया. राज्य सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में एक न्यायिक आयोग गठित किया है.
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इस मामले में दर्ज रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया है कि तीनों हमलावरों ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर राज्य में अपनी पहचान बनाना चाहते थे. बहरहाल, तीनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.