लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों के बाद उत्तर प्रदेश सियासी अखाड़े के रूप में तब्दील हो चुका है। इस घटना को लेकर विपक्ष योगी सरकार के खिलाफ जमकर आग उगल रही है। इस घटना को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच में समझौता भले ही हो चुका हो, लेकिन सूबे में हो रहे हंगामे अपने पूरे उफान पर है। ‘आजतक’ न्यूज पोर्टल ने अपने समाचार में दावा किया है कि इस घटना को लेकर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें किसान काले रंग की स्कॉर्पियो को घेरकर बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगाते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में किसानों को रौंदती नजर आई गाड़ी
इसके पहले भी सोशल प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल होता नजर आ रहा था, जिसमें एक गाड़ी किसानों को रौंदते हुए नजर आ रही है। यह वीडियो सपा और कांग्रेस द्वारा भी शेयर किया गया था। हालांकि अब जो वीडियो सामने आया है, उसमें किसान ब्लैक स्कॉर्पियो को घेरकर प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों के हाथ में काला झंडा है और ये लोग बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं।
यह वीडियो घटना से पहले का बताया जा रहा है और स्कॉर्पियो में जो शख्स बैठे नजर आ रहे हैं, वह बीजेपी के ब्लॉक प्रमुख पवन गुप्ता हैं। पवन गुप्ता सदर विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लखीमपुर में उस दिन जिस जगह पर दंगल होना था, पवन गुप्ता उसी जगह पर जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ही प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया था। इसके बाद ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का रूट बदल दिया गया था।
आपको बता दें कि बीते लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री गांव के दौरे पर आने वाले थे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीर पहुंचने की ख़बर से पहले ही रविवार को हजारों किसानों ने महाराजा अग्रसेन खेल मैदान में बने हेलीपैड स्थल पर कब्जा जमा लिया। किसान मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे थे। केंद्रीय मंत्री के दौरे को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी यहां आ रहे थे।
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आरोप है कि उन्हें रिसीव करने के लिए भाजपा नेता के बेटे आशीष मिश्रा जा रहे थे, इसी दौरान उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री के बेटे के काफिले को रोकने के दौरान ही बवाल शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्र को किसानों की भीड़ के बीच से निकालने के लिए उनके ड्राइवर ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी, जिसकी चपेट में किसान आ गए।