बीते दिनों क़तर के दोहा में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल और तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक की वजह से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इस बैठक को लेकर अभी बीते दिन जहां जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। वहीं अब एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी उसी हथियार से मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया है। दरअसल, ओवैसी ने इस बैठक को लेकर मोदी सरकार के सामने प्रश्न दागे हैं।

ओवैसी ने उठाया राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा
असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट कर पूछा है यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। उन्होंने आगे कहा कि तालिबान पर भारत को अपना रुख साफ करना चाहिए कि क्या उसे वे एक आतंकी संगठन मानते हैं या नहीं?
इसके साथ ही, एआईएमआईएम चीफ ने यूपी चुनाव को लेकर अपने दौरे के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि वह 7 सितंबर को फैजाबाद जाएंगे, 8 सितंबर को सुलतानपुर और 9 सितंबर को बाराबंकी जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में योगी सरकार को हराने के लिए वह आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के और अधिक जगहों का दौरा करेंगे।
आपको बता दें कि बीते दिन उमर अब्दुल्ला ने भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए ऐसा ही सवाल दागा था। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था कि तालिबान एक आतंकी संगठन है या नहीं, सरकार ये बात स्पष्ट तौर पर हमें बताए। आप तालिबान को किस नजर से देखते हैं? अगर तालिबान आतंकी संगठन है, तो आप उनसे बातचीत क्यों कर रहे हैं? और, अगर तालिबान आतंकी संगठन नहीं है तो क्या आप संयुक्त राष्ट्र में उसके खिलाफ जाएंगे? आप इसपर मन बना लीजिए।
बीते दिन क़तर के दोहा में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल और तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बैठक के दौरान दीपक मित्तल ने तालिबान के नेताओं से कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों या आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।
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