अभी तक पाकिस्तान पर जिस तालिबान को समर्थन देने के आरोप लग रहे थे, अफगानिस्तान पर उसी तालिबान का कब्जा होने के बाद पाकिस्तान को भारी खामियाजा उठाना पड़ा है। दरअसल, अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद पहली बार पाकिस्तानी सीमा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी है। दरअसल, पाकिस्तान-अफगान सीमा पर रविवार को जमकर गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में पाकिस्तान के दो जवान शहीद भी हो गए।
पाकिस्तान ने भी हमलावरों पर किया पलटवार
इस बात का दावा खुद पाकिस्तान सेना की तरफ से किया गया है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि बीते रविवार को हमलावरों ने पाकिस्तानी सेना पर गोलीबारी करना शुरू कर दिया। इस गोलीबार में पाकिस्तान के दो जवान शहीद हो गए। पाकिस्तान ने बताया कि उनकी तरफ से भी इन हमलावरों पर पलटवार किया गया, जिसमें दो-तीन हमलावर मारे गए हैं, जबकि दो तीन घायल हुए हैं।
यह गोलीबारी अफगान-पाकिस्तान सीमा पर स्थित खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले की है। बताया जा रहा है कि यह जिला अफगान सीमा से लगा आदिवासी क्षेत्र है। यहां पाकिस्तान के चरमपंथी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लड़ाके भी छिपे रहते थे। टीटीपी ने अफगान में तालिबान के कब्जे के बाद उसका समर्थन किया है। लेकिन वह पाकिस्तानी सेना के खिलाफ रहा है।
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वैसे तो पाकिस्तान ने अभी तक इस हमले लिए किसी भी आतंकवादी संगठन का नाम नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने टीटीपी की ओर इशारा जरूर किया है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि बीते कुछ समय से पाकिस्तान आतंकवादी संगठन के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी वजह से टीटीपी के कई आतंकी आदिवासी जिलों को छोड़कर अफगानिस्तान में जाकर छिपे हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने हाल में कहा था कि उनको उम्मीद है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमले के लिए लॉन्चपैड की तरह नहीं किया जाएगा।