सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना पड़ेगा भारी, इस एक्ट के तहत दर्ज हो सकता है मुकदमा

आजकल के सोशल मीडिया के दौर ने हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने के लिए एक प्लेटफॉर्म दिया है। हर कोई बेबाकी से अपनी राय दे सकता है, लेकिन कई बार इसी बेबाकी की वजह से लोग कुछ ऐसा बोल देते है जिससे किसी की भावनाएं आहत हो जाती है या फिर किसी व्यक्ति विशेष की इमेज को नुकसान पहुंचता है। इसी सब के चलते बिहार में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अफसर के खिलाफ किसी ने कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की तो उसके खिलाफ सख्‍त एक्‍शन लिया जाएगा। इसके अलावा झूठ और भ्रम फैलाने वाले लोग, समूह, संस्थाएं भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आएंगी।

किसी जनप्रतिनिधि या सरकारी अफसर की छवि धूमिल के करने आरोप में पोस्ट लिखने वालों पर आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखा है।

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई 

एडीजी खान द्वारा लिखे गए पत्र में जानकारी दी गई है कि अगर आपके विभाग में इस तरह का मामला सामने आता है तो आर्थिक अपराध इकाई को इसकी विस्तृत सूचना देंगे, ताकि दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके। बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई साइबर अपराध की नोडल एजेंसी है। सोशल मीडिया पर अश्लीलता, साइबर बुलिंग, साइबर उत्पीड़न जैसे मामले आर्थिक अपराध इकाई के तहत आते हैं।

यह भी पढ़ें: दिवंगत अभिनेता को जन्मदिन का तोहफा, सुशांत के नाम होगी दिल्ली की ये सड़क

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर भ्रामक और नकारात्मक खबरों पर आपत्ति जताते हुए पुलिस अधिकारियों को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। हालांकि, ADG का पत्र सामने आते ही अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। आरजेडी ने सरकार पर सोशल मीडिया से डरने का आरोप लगाया है।