उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी कैबिनेट ने PRD जवानों के लिए लागू कल्याणकोष नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके माध्यम से सांप्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान जवानों की मौत पर पहले मिलने वाले 1 लाख रुपये की धनराशि को बढ़ाकर अब 2 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, जवानों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि भी बढ़ा दी गई है।
इस प्रस्ताव के तहत, विभिन्न स्तरों की जोखिमपूर्ण ड्यूटी के दौरान होने वाली मृत्यु पर आश्रितों को विभागीय आधार पर धनराशि प्रदान की जाएगी। उच्च श्रेणी के स्थायी अपंगता के लिए अनुमानित धनराशि की आधी तथा गंभीर घायलता के लिए आधा भाग दिया जाएगा। उपचार के दौरान होने वाली मृत्यु पर भी आश्रितों को अधिकतम 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही, यह प्रस्ताव जवानों को विभिन्न परिस्थितियों में सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें अनेक सुविधाएं भी प्रदान करता है, जैसे कि ड्यूटी और प्रशिक्षण के दौरान होने वाले आपदाओं के लिए 50,000 रुपये, अवैतनिक सदस्यों के आश्रित छात्रों के लिए शिक्षा से संबंधित छात्रवृत्ति आदि।
इस संशोधित नियमावली के प्रमुख अंश :
- विशेष जोखिम वाली ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु पर आश्रितों को 1.5 लाख रुपये की जगह अब 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- सामान्य ड्यूटी और यात्रा के दौरान होने वाली मृत्यु पर आश्रितों को 50,000 रुपये की जगह अब 1 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- उच्च श्रेणी के स्थायी अपंगता के लिए अनुमानित धनराशि की आधी और गंभीर घायलता के लिए आधा भाग दिया जाएगा।
- उपचार के दौरान होने वाली मृत्यु पर आश्रितों को अधिकतम 1 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- मृत्यु पर दाह संस्कार के लिए 10,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
- 3650 दिन की सेवा करने वाले जवानों को किसी वजह से सेवा से हटाया जाने पर 1 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- सभी जवानों का बीमा किया जाएगा।
- PRD जवान को ड्यूटी और प्रशिक्षण के दौरान होने वाले आपदाओं के लिए 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
- अवैतनिक सदस्यों के आश्रित छात्रों को हाईस्कूल प्रथम श्रेणी में पास होने पर श्रेष्ठ 10 छात्रों को मासिक 250 रुपये की छात्रवृत्ति की सहायता दी जाएगी।
- 12वीं के प्रथम श्रेणी में पास 10 छात्रों को मासिक 1000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
- एमबीबीएस या इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश करने पर 2000 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी, जो कि कोर्स की अवधि तक जारी रहेगी।
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