मानसिक विकारों से उबरने के लिए छात्रों को दिए टिप्स, काउंसिलिंग कर किया जागरूक

गोहाण्ड ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर तीन दर्जन से अधिक मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लिया। उधर, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हमीरपुर में जिला अस्पताल के मनरूकक्ष की टीम ने शिविर लगाकर बोर्ड परीक्षार्थी (छात्राओं) की काउंसिलिंग कर उन्हें मानसिक तनाव से उबरने के टिप्स दिए।

गोहाण्ड सीएचसी पर आयोजित शिविर का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके यादव ने किया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य इसके प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि मरीजों को समय से उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को समय से उपचार मिल जाए तो उसके ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है। कई बार लोग समय से उपचार नहीं कराते, जिसकी वजह से स्थिति गंभीर हो जाती है।

शिविर में मनो चिकित्सक डॉ.अखिलेश ने मरीजों की काउंसिलिंग कर उनकी अवस्था को समझा और उपचार करते हुए दवाएं भी दी गई। कुछ मरीजों की मानसिक स्थिति गंभीर मिली, जिन्हें कानपुर या फिर झांसी में उपचार कराने की सलाह दी गई। जिला अस्पताल की साइको थेरिपिस्ट डॉ. नीता ने भी मरीजों की काउंसिलिंग कर उन्हें मानसिक विकारों के संबंध में जानकारी दी। प्रगति गुप्ता ने मरीजों को दवाएं वितरित की।

उधर, साइको थेरिपिस्ट डॉ. नीता ने बताया कि राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज हमीरपुर में मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाकर बोर्ड परीक्षार्थी छात्राओं की काउंसिलिंग की। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से छात्र-छात्राएं काफी तनाव की स्थिति में है। अप्रैल में बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। कोर्स भी आधे-अधूरे हैं, जिससे परीक्षार्थी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इन परीक्षार्थियों को इस स्थिति से उबारने के टिप्स दिए गए।

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उन्हें बताया गया कि जो समय निकल गया है वह लौटकर नहीं आएगा। इसलिए तनाव न लें बल्कि आराम से एग्जाम की तैयारी करें। 90 प्रतिशत अंक अर्जित करने वाले अगर इस साल 60 प्रतिशत अंक भी ले जाएंगे तो इसे कम न आंकें। उन्होंने बताया कि छात्राओं को तनाव से उबरने और जीवन शैली में परिवर्तन लाने के विषय में भी जानकारी दी गई। इस शिविर में कुल 62 छात्राएं मौजूद रही।