इस स्‍वदेशी कंपनी ने मांगी भारत में इमरजेंसी कोरोना वैक्सीन के प्रयोग की इजाजत..

ब्रिटेन में दवा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्‍सीन को मंजूरी मिलने के बाद अब दुनिया के सबसे बड़े औषधि निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (EUA) के तहत भारत में कोरोना वैक्सीन का उपयोग शुरू करने की अनुमति मांगी है। सीरम इंस्टीट्यूट यह आवेदन करने वाली पहली स्‍वदेशी कंपनी बन गई है।

सीरम इंस्‍टीट्यूट के मालिक और सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘जैसा कि वादा किया गया है, 2020 के अंत से पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पहले मेड-इन-इंडिया वैक्सीन कोविशील्ड के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है।’

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने भारतीय औषध महानियंत्रक (DCGI) से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के उपयोग की अनुमति मांगी है, जिसका उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में ही किया जा रहा है।

आवेदन में चार मेडिकल परीक्षणों का हवाला

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने वैक्सीन को जनहित और महामारी के कारण चिकित्सा आवश्यकताओं की पर्याप्त पूर्ति नहीं होने की संभावना जताते हुए अनुमति देने का आग्रह किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह की तरफ से दाखिल आवेदन में वैक्सीन के चार चिकित्सकीय अध्ययनों का हवाला दिया गया है। इनमें से दो ब्रिटेन में किए गए हैं और एक-एक भारत व ब्राजील में हुआ है।

इन अध्ययनों में कोविशील्ड को कोरोना के स्पष्ट लक्षण वाले और खासतौर पर गंभीर संक्रमण वाले मरीजों पर बेहद प्रभावी पाया गया है। साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी बेहद कम पाए गए हैं। अपने आवेदन में भी सीरम इंस्टीट्यूट ने इसके उपयोग को सुरक्षित बताया है। इंस्टीट्यूट वैक्सीन के 12 बैच पहले ही कसौली स्थित सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) में जांच के लिए जमा करा चुका है।

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ब्रिटेन-ब्राजील में भी किया जा रहा चिकित्सकीय अध्ययन

आवेदन में देश के आत्मनिर्भर अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का भी हवाला दिया गया है। ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षणों को सीरम इंस्टीट्यूट ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से देश के विभिन्न हिस्सों में पूरा करा रही है। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका इस वैक्सीन पर ब्रिटेन और ब्राजील में भी चिकित्सकीय अध्ययन करा रही है।