आक का फूल आपकी ख़ूबसूरती में लगाएगा चार चाँद, इन बीमारियों से भी दिलाएगा निजात

आक का फूल छोटा, सफेद और कटोरीनुमा आकार का होता है। साथ ही लाल व बैंगनी रंग की चित्तियां होती हैं। आक के पौधे की जड़ में मंडारएल्बन और फ्युएबिल नामक रसायन पाया जाता है। ये पौधा आम नहीं है इसमें कई बीमारियों का इलाज छुपा हुआ है। myUpchar में  प्रकशित जानकारी के मुताबिक मदार या आक औषधीय पौधा, जो पूरे भारत में बंजर जमीन, खुले तथा शुष्क क्षेत्र में अपने-आप उगता है। यह कई शारीरिक परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है।

हल्दी के 3 ग्राम चूर्ण को आक के दो चम्मच दूध और गुलाब जल में अच्छी तरह से मिला लें। इसका लेप चेहरे पर लगाएं, इससे त्वचा मुलायम होती है। ध्यान रहे इसे आंख पर न लगने दें। जिनकी त्वचा पहले से मुलायम है और चेहरे पर निखार लाना चाहते हैं तो उन्हें आक के दूध के स्थान पर आक का रस इस्तेमाल करना चाहिए। खबर के मुताबिक इस फूल का उपयोग सिर व कान दर्द में उपयोग किया जा सकता है। इसके दूध को सिर पर लगाने से माइग्रेन में फायदा मिलता है। आक के पत्तों का रस कान में डालने से कान से संबंधित रोग जैसे कान में मवाद आना, सांय-सांय की आवाज आना, दूर होते हैं।

यह भी पढ़ें: 78 साल के बुजुर्ग ने की 17 साल की लड़की से शादी, फिर दिया तलाक का नोटिस

आक की सूखी छाल को कूटकर इसमें 20 ग्राम गुलाब जल मिलाएं और इसे 5 मिनट के लिए रख दें। फिर इसे आंखों में 3 से 4 बूंद डालें. इससे आंखों का लाल होना, भारीपन, आंखों में दर्द या खुजली जैसी समस्या दूर हो जाती है। वहीं आक के दूध में रूई भिगोकर घी में अच्छी तरह से मसल लें और फिर इसे दाढ़ पर रख लें। इससे दांत या दाढ़ का दर्द तत्काल दूर हो सकता है।

आक के पौधे का प्रयोग कुछ अन्य बीमारियों में भी लाभकारी है-

1. अस्थमा

इसके फूलों को सूखा कर रोजाना इसका चूर्ण खाने से अस्थमा, फेफडों के रोग और शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है।

2. खुजली

स्किन में एलर्जी या रूखेपन के कारण खुजली की समस्या हो जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए इसकी जड़ को जला लें। इसकी राख को कड़वे तेल में मिलाकर खुजली वाली जगहें पर लगाएं। खुजली की परेशानी दूर हो जाएगी।

3. डायबिटीज

रोजाना सुबह इस पौधे की पत्तियों को पैर के नीचे रख कर जुराबें डाल लें। रात को सोने से पहले इस पत्ते को निकाल दें। इसका इस्तेमाल शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है।

4. कुष्ठ रोग

इसकी पत्तियों को पीस कर सरसों के तेल में मिक्स करें। इसे कुष्ठ रोग के घाव पर लगाएं। इसे नियमित रूप से लगाने पर घाव जल्दी भर जाएंगे।

5. बवासीर

आक का पत्ता और डण्ठल को पानी में भिगो दें। इसे पीने से बवासीर की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

6. चोट लगना

शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगने पर आक के पत्तों को गर्म करके बांध लें। इससे चोट से खून बहना बंद होने के साथ-साथ दर्द और सूजन भी दूर हो जाएगी।