कर्नाटक में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आप राजनीतिक सरगर्मियां तेज होते दिखाई दे रही है। कर्नाटक में एक बार फिर से ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा देने की कोशिश की जा रही है। अब नेताओं के बयानों में टीपू सुल्तान की चर्चा खूब हो रही है। एक बार फिर से कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने फिर से टीपू सुल्तान का मुद्दा छेड़ दिया है। इसके साथ ही उन्होंने खुद को भगवान राम और हनुमान का भक्त बताया है। अपने बयान में नलिन कुमार ने कहा कि हम भगवान राम और हनुमान के भक्त हैं। हम टीपू के वंशज नहीं हैं, हमने उनके वंशजों को वापस भेज दिया।
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष ने हुंकार भरते हुए कहा कि मैं येलबुर्गा के लोगों से पूछता हूं, क्या आप हनुमान की पूजा करते हैं या टीपू के भजन गाते हैं? क्या आप टीपू के भजन गाने वाले लोगों को भगाएंगे? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तो सोचिए कि इस राज्य को टीपू के वंशज चाहिए या भगवान राम और हनुमान के भक्तों की? इसके साथ ही उन्होंने चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि मैं हनुमान की धरती पर चुनौती देता हूं- टीपू से प्यार करने वालों को यहां नहीं रहना चाहिए, भगवान राम के भजन गाने वाले और भगवान हनुमान को मनाने वाले यहां रहें।
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इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान में विश्वास रखते हैं और दोनों दल कर्नाटक का भला नहीं कर सकते हैं। वहीं, उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रशंसा करते हुए कहा कि पार्टी 16वीं सदी की उल्लाल की रानी अब्बक्का चौटा से प्रेरित है, जिन्होंने राज्य की समृद्धि के लिए शासन किया। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भ्रष्टाचार में लिप्त है और विपक्षी पार्टी ने कर्नाटक का इस्तेमाल ‘‘गांधी परिवार के लिए ‘एटीएम’ के तौर पर किया।’’उन्होंने जनता से कहा, ‘‘मैं आपसे पूछता हूं क्या लोगों को जद(एस) और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करना चाहिए, जो टीपू सुल्तान में विश्वास रखते हैं या भाजपा के लिए मतदान करना चाहिए, जिसकी आस्था रानी अब्बक्का में है।