ताजमहल में भगवा की No Entry का मुद्दा गरमाया, 100 से अधिक कर्मियों से पूछताछ

ताजमहल में भगवाधारी संत को एंट्री न देने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले में आगरा एएसआई की टीम जांच कर रही है. इसके लिए एएसआई की टीम ताज महल के पश्चिमी गेट पर पहुंची. टीम ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और 100 से ज्यादा कर्मचारियों-स्थानीय लोगों से पूछताछ की. हालांकि अब एएसआई के अधीक्षक पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि उन्हें सिर्फ दंड धारण करने की वजह से प्रवेश से वंचित किया गया. क्योंकि वो लोहे का था. वहीं, संत ने कहा है कि दंड धातु का नहीं होता, बल्कि लड़की का होता है और प्राण प्रतिष्ठित होता है.

बता दें कि अलीगढ़ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबियत खराब होने पर अयोध्या छावनी के रहने वाले संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य अपने साथ तीन शिष्यों को लेकर ताजमहल देखने आये थे. उनके साथ उनके सरकारी गनर भी थे. शमशान घाट चौराहे से जब वो ताजमहल के लिए निकले तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने परिचय जानकर उन्हें गोल्फकार में बिठाकर पश्चिमी गेट भेजा. मंगलवार शाम 5 बजकर 35 मिनट पर वो अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां मौजूद सीआईएसएफ बलों और अन्य कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया. उनके  भगवा पहने होने के कारण प्रवेश न देने की बात कही गयी और उनके टिकट लेकर उन्हें अन्य पर्यटकों को बेच दिए गए और उनका पैसा लौटा कर वापस भेज दिया गया.

भगवा पहनने और ब्रह्मदण्ड धारण करने की वजह से रोका

आरोप है कि उनके शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने का प्रयास किया, तो मोबाइल छीन कर फोटो डिलीट कर दिए गए. इस दौरान परमहंसाचार्य ने कहा कि उन्होंने सुना है कि यह तेजोमहल है और यहां भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है. इसीलिये वो आज यहां देखने आये थे. लेकिन उनसे कहा कि वो भगवा पहने हैं और ब्रह्मदण्ड लिए हैं. इसलिए उन्हें ताज महल परिसर में एंट्री नहीं दी जा सकती. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ताज महल में भगवा वस्त्र धारण करने वालों पर रोक है. उन्होंने कहा कि भगवा धारण करने वालों पर रोक है, लेकिन टोपी वालों को जाने दिया जाता है. ये  दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दुर्भावनापूर्ण नियम को बदला जाएगा.

ताज महल परिसर में भगवा पर से हटे बैन

उनके शिष्य परमहंस ने बताया कि हमें गेट पर कहा गया कि योगी जी को भी भगवा पहनने पर रोका गया था. जोकि गलत है. उन्होंने कहा कि ताजमहल पर भगवा को भी प्रवेश मिलना चाहिए और जो लोग दोषी हैं जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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प्रचार प्रतिबंधित, कई बार हो चुका है विवाद

बता दें कि ताजमहल परिसर में सिर्फ प्रचार प्रतिबंधित है. ऐसे में धार्मिक वेशभूषा जैसे टोपी, कुछ लिखे अंगवस्त्र और किसी भी जगह की वेशभूषा पर रोक नहीं है. इसके बावजूद कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. यहां पहले संवासनियों की रामनामी उतरवाने और मॉडल्स के गायत्री मंत्र लिखे दुपट्टे उतरवाने के मामले में काफी विवाद हो चुका है.